हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी में शामिल अन्य यूनियन हड़ताल से पिछे हटी। दो घंटे विरोध प्रदर्शन करेंगे।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संघों के आह्वान पर 26 नवम्बर को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की समीक्षा के लिए आज देर सायं जींद में बैठक सम्पन्न हुई। हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के अन्य नेताओं ने बैठक के बाद कहा हड़ताल के समर्थन में दो घंटे प्रदर्शन किया जाएगा। हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना व राज्य उप प्रधान प्रदीप शर्मा ने बैठक के बाद सयुंक्त ब्यान में कहा संघ से सम्बन्धित हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन हड़ताल में शामिल रहेगी। श्री बधाना व शर्मा ने कहा निजीकरण व विभाग को तहस-नहस करने तथा कर्मचारियों के महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर हड़ताल राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा केन्द्र व राज्य सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। उन्होंने कहा प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार ने बार बार कर्मचारियों की लम्बित मांगों को जायज मानते हुए रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। उन्होंने कहा सरकार द्वारा मानी गई मांगों को लागू करने की बजाए कर्मचारियों को पहले से मिल रही सुविधाएं छिन कर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना व उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने 26 नवम्बर की हड़ताल की प्रमुख मांगों का जिक्र करते हुए कहा रोड़वेज सहित सरकारी विभागों के निजीकरण, ठेका प्रथा, जनतांत्रिक अधिकारों पर हमलों, श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध एवं पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों सहित सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, रोड़ ट्रांसपोर्ट एक्ट रद्द करने, किलोमीटर व स्टेज कैरिज स्कीम रद्द कर विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की निति में लगाई गई शर्तें हटाने, कोरोना महामारी से मृतक कर्मचारियों के परिवारों को एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी के तहत 50 लाख रूपये मुआवजा देने,परिचालकों का वेतनमान अप ग्रेड करने, लिपिको सहित अन्य कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने, सभी कर्मचारियों को 5000 रूपये जोखिम भत्ता देने, 2003 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, विभाग में पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारियों को लगाने की बजाए IAS,HCS व विभागीय अधिकारियों को लगाने, तकनीकी वेतनमान से वंचित सभी तकनीकी कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों को पहले की तरह राजपत्रित अवकाश देने व चालक-परिचालकों को हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के समान राजपत्रित अवकाश लागू करने, सभी कर्मचारियों को एक माह के वेतन के समान चार वर्ष के बकाया बोनस का शीघ्र भुगतान करने, रोके गए डी ए व अन्य भत्तों का भुगतान करने, बंद किये ओवरटाइम को पुनः शुरू करने, मैट्रिक पास सभी चालकों की पदोन्नति करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के दौरान विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 1000 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज देने, आवासीय कालोनी का निर्माण करवाने, HREC कर्मचारियों को रोड़वेज कर्मचारियों को मिल रही सुविधाएं लागू करने, 18 दिन की हड़ताल में सहयोग करने पर अन्य विभागों के कर्मचारियों व आम नागरिकों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने एवं 6 जनवरी व 4 जून को परिवहन मंत्री द्वारा सहमत मांगों को लागू करने के प्रति सरकार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। कर्मचारी नेताओं ने सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए रोड़वेज कर्मचारियों से हड़ताल में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया।

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