कहा- हमारी सरकार के दौरान खेलों में नंबर वन बना हरियाणा, बीजेपी कर रही है खिलाड़ियों की अनदेखी
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के लिए की ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मुआवज़े की मांग
कहा- बीजेपी सरकार में किसानों को ना मुआवज़ा मिलता और ना ही फसलों का उचित रेट
गन्ने के रेट में महज़ 10 रुपये की बढ़ोत्तरी किसानों के साथ भद्दा मज़ाक- हुड्डा
हमारी सरकार ने गन्ने के रेट को 117 रुपये से 310 रुपये तक पहुंचाया था- हुड्डा

17 नंवबर, गन्नौर(सोनीपत): हमारी सरकार के दौरान हरियाणा खेलों में नंबर वन बना लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान लगातार खेल और खिलाड़ियों की अनदेखी हो रही है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज गन्नौर में आयोजित एक खेल प्रतियोगिता का उद्धाटन करने पहुंचे। गन्नौर के गांव शेखपुरा में आयोजित इस प्रतियोगिता में लगभग 30 टीम हिस्सा ले रही हैं। इस मौक़े पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खिलाड़ियों के जज्बे और मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि खेल इंसान के सर्वांगिण विकास के लिए बेहद ज़रूरी है। सरकारों को चाहिए कि वो खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाए। इसीलिए हमारी सरकार के दौरान खेलों और खिलाड़ियों को प्रोतसाहित करने के लिए ‘पदक लाओ, पद पाओ’ और करोड़ों के ईनाम देने की नीतियां बनाई गईं थी। साथ ही हर गांव में स्टेडियम, स्पेट, स्कूली प्रतियोगिता, जूनियर-सीनियर प्रतियोगिता, शुरुआती लेवल पर खिलाड़ियों को आर्थिक मदद देने और खेल बजट को बढ़ावा दिया गया था। लेकिन उन्हें मौजूदा सरकार में हो रही खेलों और खिलाड़ियों की अनदेखी के बारे में जानकर दुख होता है। इस सरकार ने खिलाड़ियों को पद और आर्थिक मदद देने की नीति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को भी उनके उचित मान-सम्मान और पद से वंचित रखा गया है।

इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बयान जारी कर किसानों के लिए मुआवज़े की मांग उठाई। हुड्डा का कहना है कि 2 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से प्रदेशभर में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसकी स्पेशल गिरदावरी करवाकर फौरन किसानों को मुआवज़ा दिया जाना चाहिए। इस ओलावृष्टि से सरसों और कपास समेत कई फसलें बर्बाद हुई हैं। कई किसानों के पशुओं की भी मौत हुई है। इतना ही नहीं, पिछले कई फसली सीज़न में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवज़ा भी किसानों को नहीं मिला है। किसानों को उनके पेंडिंग मुआवज़े का भुगतान भी जल्द किया जाना चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार में किसानों पर लगातार चौतरफ़ा मार पड़ रही है। कभी सरकारी नीतियां किसानों को हानि पहुंचा रही हैं तो कब मौसम की मार उन्हें नुकसान पहुंचा रही है। इस सरकार में ना किसानों को मुआवज़ा मिल रहा है, ना फसलों का उचित रेट और ना ही वक्त पर पेमेंट। बहुत सारे किसानों की धान की पेमेंट अब तक अटकी हुई है। हुड्डा ने जल्द से जल्द किसानों को पेमेंट करने की मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष में गन्ने के रेट में सरकार की तरफ से की गई 10 रुपये की बढ़ोतरी को किसानों के साथ भद्दा मज़ाक बताया है। उनका कहना है कि लागत के मुक़ाबले इस सरकार में फसलों के रेट ना के बराबर बढ़े हैं। हमारी सरकार के दौरान गन्ने के रेट को 117 रुपये से 310 रुपये तक पहुंचाया गया था। ये करीब 3 गुणा बढ़ोत्तरी थी। लेकिन बीजेपी सरकार के 6 साल में मुश्किल से गन्ने के रेट में 30 से 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जबकि इस दौरान खेती की लागत, पेट्रोल डीजल के दाम, खाद, बीज, दवाइयों के दाम और खेती उपकरणों पर टैक्स में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। किसान संगठनों का कहना है कि लागत को ध्यान में रखते हुए गन्ने का रेट कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बरोदा में मिली हार के बाद भी लगता है कि इस सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है। इसलिए वो किसानों के मुद्दों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। बरोदा की तरह अब पूरे हरियाणा का किसान इस सरकार को वोट की चोट से सबक सिखाना चाहता है। जनता के रुख़ और गठबंधन सरकार के डगमगाते क़दमों को देखते हुए लग रहा है कि जनता को जल्द ही ये मौक़ा मिल सकता है। क्योंकि जो सरकार जनता की नज़रों में गिर चुकी है, वो ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकती।

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