हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा, वरिष्ठ उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, महासचिव आजाद गिल, उप-महासचिव जगदीप लाठर, चेयरमैन सुरेश लाठर, आडिटर विमल शर्मा,प्रैस सचिव चन्द्रभान सोलंकी व गुरदीप सिंह ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि सरकार ने किलोमीटर स्कीम पर चलने वाली लगभग 510 बसों व परिवहन मन्त्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन के तहत 867 नई बसों को खरीदकर परिवहन विभाग में शामिल कर लेना चाहिए ताकि प्रदेश की जनता को एक बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिल सके।

अगर सरकार ऐसा करती है तो यह परिवहन विभाग व प्रदेश की जनता दोनों के हित में होगा।
किरमारा,दोदवा व गिल ने बताया कि आज परिवहन विभाग में बसों की संख्या लगभग 3200 के करीब है जो प्रदेश की जनता की संख्या के हिसाब से बहुत कम है। हर वर्ष सैंकड़ों बसें कन्डम होने की वजह से सरकारी बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है तथा नईं बसें विभाग में आ नहीं रही जो एक चिंता का विषय है। मौजूदा सरकार का ज्यादा ध्यान सरकारी बसें खरीदने की बजाय निजी बसों को बढ़ावा देने पर रहा है।

इसलिये भाजपा सरकार ने अपने 6 साल के कार्यकाल में सिर्फ 150 मिनी व 18 एसी बसों को ही खरीदकर विभाग में शामिल किया है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा रोङवेज कम दुर्घटना, ज्यादा केएमपीएल,स्वच्छता,ज्यादा आमदनी व यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान पर समय पर पहुंचाने आदि कई उपलब्धियों के कारण लगभग 10 सालों से पुरी एशिया में पहले स्थान पर आ रही थी तथा परिवहन मन्त्री जी इनाम व ट्राफी लाकर वाही-वाही लुटने का काम कर रहे थे। लेकिन बङे दु:ख का विषय है कि मौजूदा सरकार इस जनहितैषी विभाग को आज बढाने की बजाय सिकोङने का काम कर रही है। प्रदेश की जनता, छात्र-
छात्राएँ व कर्मचारी वर्ग सरकारी बसों की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार निजी बसों को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। पहले से ही निजी प्रमिटों पर चल रही बसों पर सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं है तथा निजी बसें अपने निर्धारित रूटों व समय पर न चलकर मनमाने मार्गों व मनचाहे समय पर चलकर यात्रियों व सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के लिए सरकार द्वारा विभाग में भारी घटा दिखाया जा रहा है तथा परिवहन मन्त्री जी घाटा पुरा करने के लिए मैक्सी कैबों पर अंकुश लगाने की बात कह रहे हैं लेकिन विभाग का घाटा मैक्सी कैबों पर अंकुश लगाने से नहीं बल्कि विभाग में सरकारी बसें बढाने से पुरा होगा।

इसलिए सरकार से अपील है कि किलोमीटर स्कीम पर चलने वाली बसों को खरीदकर विभाग में शामिल करे तथा अक्तूबर, 2018 वाली स्थिति को पुनः बहाल करे। अगर सरकार केवल 6 हजार नई बसें खरीदकर विभाग में शामिल करती है तो रोङवेज कर्मचारी विश्वास दिलाते हैं प्रदेश के सभी मार्गों के साथ-साथ अंतर्राज्यीय मार्गों पर भी सेवाएं देंगे तथा विभाग में दर्शाये जा रहे घाटे को पुरा करते हुए विभाग को एक बार फिर से पहले स्थान पर लाने का काम करेगें। उन्होंने बताया कि रोङवेज कर्मचारियों की मुख्य समस्याएं एक लम्बे अरसे से लम्बित पङी हुई है लेकिन परिवहन मन्त्री जी ने10 नवम्बर को रोङवेज की सभी युनियनों के साथ हुई बैठक में एक भी मांग का समाधान करने का आश्वासन नहीं दिया। लम्बित पङी समस्याओं का समाधान न होने की वजह से कर्मचारियों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पङ रहा है। अतः युनियन एक बार फिर मन्त्री जी से अपील करती है कि रोङवेज कर्मचारियों की सभी जायज मांगो को तुरंत लागू करे ताकि कर्मचारी मानसिक रूप से स्वस्थ होकर अपनी डयूटी कर सकें।

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