बीते 24 घंटे में फिर गई 3 जान , 697 नए केस दर्ज. – बीते 24 घंटे में तीन और मौत संख्या पहुंची 230 तक. – सिटी से बाहर देहात के इलाके में 54 नए केस दर्ज

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   करोना कोविड-19 पॉजिटिव केस की संख्या के साथ-साथ मृतकों की संख्या को देखते हुए इसके प्रचंड रूप लेने का क्या कारण है ? यह अभी भी रहस्य ही बना हुआ है । नवंबर माह के दूसरे सप्ताह के पहले दिन ही जिला गुरुग्राम में एक बार फिर से करोना कोविड-19 ने  3 लोगों की जिंदगी निगल ली और 697 नए पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन में दी गई है ।

सिटी से बाहर देहात के इलाके में भी सोमवार को नए कोविड-19 के 54 केस दर्ज किए गए हैं । जिला गुरुग्राम में सोमवार को 5341 करो ना कोविड-19 के एक्टिव केस स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में बताए गए हैं । वही बीते 24 घंटे के दौरान 534 करोना कोविड-19 इफेक्टिव व्यक्ति रिकवर करने वालों में शामिल है। जिला गुरुग्राम में अभी तक 35439 करो ना कोविड-19 के पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं । वही कोरोना काविड 19 के रिकवर केस का आंकड़ा 29866 बताया गया है । सिटी से बाहर देहात के इलाके में एक बार फिर से पटौदी ब्लॉक में सबसे अधिक पाजिटिव केस कोरोना कोविड-19 के नए केस दर्ज किए गए हैं । वही पटौदी के साथ लग गए फरुखनगर ब्लॉक में केवल मात्र 8 केस और सोहना ब्लॉक में सोमवार को 15 नए पॉजिटिव करो ना कोविड-19 के केस दर्ज किए गए हैं ।

बीते करीब एक पखवाड़े से जिस प्रकार से साइबर सिटी, मेडिकल हब गुरुग्राम में शामिल निगम के विभिन्न जोन और सिटी से बाहर देहात के क्षेत्र में कोरोना कोविड-19 के मामलों में उछाल आया है , यह वास्तव में स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और आम लोगों के बीच में पहेली बनता जा रहा है कि आखिर ऐसा क्या कारण है की कोरोना कोविड-19 की चपेट में आने वालों की संख्या थमने का नाम ही नहीं ले रही । इसी बीच में बीते कुछ दिनों से बदलते मौसम में घटता तापमान और कथित वायु की गुणवत्ता के साथ-साथ प्रदूषित वातावरण को भी अब कथित रूप से कोरोना कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए एक नई संभावना के रूप में देखा जाने लगा है । बीते तीन-चार दिनों से गुरुग्राम सिटी के साथ-साथ आसपास देहात के इलाके में प्रदूषण और वायु की गुणवत्ता इस हद तक लुढ़क चुके हैं कि भरी दोपहरी में भी आसमान में चमकता सूरज इस प्रकार लगता है जैसे उदय या अस्त होने की स्थिति में हो ।

वही वायु की गुणवत्ता सहित प्रदूषण को लेकर सबसे अधिक शिकायत आम लोगों के द्वारा आंखों में जलन को लेकर बताई जा रही है । करोना कोविड-19 के फैलने का मुख्य कारण अभी तक मास्क का नहीं पहनना , सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करना ठहराया जाता रहा है । वही स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार के द्वारा भी मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने के संदर्भ में नई गाइडलाइन जारी की गई है । अब लोगों के बीच हैरानी इस बात को लेकर है कि कोरोना कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए वायु की गुणवत्ता के साथ-साथ प्रदूषण पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है । जरूरत इस बात की है कि यह भेद लगाया जाना आवश्यक है कि वह कौन से कारण हैं जिनकी वजह से करो कोविड-19 दिन प्रतिदिन बेकाबू होकर लोगों की जान भी लेने पर उतारू नजर आ रहा है।

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