कृषि कानून पर हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में केंद्र सरकार का धन्यवाद प्रस्ताव पारित करना किसान व आढ़ती की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना है – बजरंग गर्ग
सरकार का कृषि कानून पर वोटिंग ना कराने से सिद्ध हो गया है कि सरकार के विधायक भी कृषि कानून के हक में नहीं है – बजरंग गर्ग
केंद्र सरकार अंबानी-अडानी जैसे बड़े लोगों को अनाज, सब्जी व खुदरा व्यापार में लाकर किसान व छोटे-छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने पर तुली हुई है – बजरंग गर्ग

चंडीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि संबंधित कानून बनाने पर हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में केंद्र सरकार का धन्यवाद प्रस्ताव पारित करना प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना है। हरियाणा में गठबंधन सरकार ने ऐसा करके यह सिद्ध कर दिया है कि यह सरकार पूरी तरह से किसान, आढ़ती व मजदूर विरोधी सरकार है। सरकार को किसान की फसल आढ़ती के माध्यम से एमएसपी रेटों में खरीदने का गारंटी कानून बनाना चाहिए। जबकि हरियाणा में गठबंधन सरकार नहीं चाहती की किसान की फसल एमएसपी रेटों पर खरीदी जाए।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि कृषि संबंधित कानून पर हरियाणा सरकार विधानसभा में अगर वोटिंग कराती तो सरकार का किसान व आढ़ती विरोधी चेहरा जनता के सामने आ जाता। क्योंकि गठबंधन के विधायक भी कृषि कानून के हक नहीं है। सरकार को डर था कि वोटिंग कराने से गठबंधन के ज्यादातर विधायक भी कृषि कानून के विरोध में वोट डालते।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा की लगभग 8 महीनों से कृषि संबंधित कानून के विरोध में देश व प्रदेश का किसान, आढ़ती व मजदूर सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है मगर केंद्र व प्रदेश की निकम्मी सरकार किसान व आढ़तीयों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। कृषि कानून से किसान की फसल व सब्जियां एमएसपी रेटों पर खरीदने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और देश व प्रदेश की मंडियां बंद हो जाएगी। जब अंबानी व अडानी जैसे बड़े-बड़े घराने किसान की फसल औने-पौने दामों में सिधे खेतों में ही खरीदेंगे तो फसल मंडियों में ना आने के कारण मंडियों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इससे लगभग 40 हजार आढ़ती, लाखों मजदूर व मुनीम बेरोजगार हो जाएंगे।

कृषि कानून आने के बाद से ही मंडियों की हालत खस्ता हो गई है और मंडियों में दुकानों के दाम आधे हो गए हैं। जबकि कई मंडियों में तो इतना बुरा हाल है कि दुकानों का कलेक्टर रेट तो 1 करोड़ 80 लाख रूपए है और दुकान की मौजूदा कीमत 1 करोड़ 20 लाख रुपए है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा की सरकार को किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता के हित में कृषि कानून में संशोधन करके किसान की फसल आढ़ती के माध्यम से एमएसपी रेटों में खरीदने का गारंटी कानून बनाना चाहिए। जब तक सरकार किसान की फसल एमएसपी रेटों में खरीद का गारंटी कानून नहीं बनाती तब तक देश व प्रदेश में किसान, आढ़ती व मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा।

केंद्र सरकार कृषि कानून अंबानी व अडानी जैसे बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए यह कानून लाई है। केंद्र सरकार ने बड़ी-बड़ी सरकारी कंपनियों को अंबानी व अडानी को औने-पौने दामों में बेच दी है। अब सरकार अंबानी-अडानी जैसे लोगों को अनाज, फल, सब्जी व खुदरा व्यापार में लाकर किसान व छोटे-छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने पर तुली हुई है जो देश हित में नहीं है।

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