राजकुमार अरोड़ा गाइड सच में हरियाणा का इतिहास जितना पुराना है उतने ही नये इतिहास भी रच देता है।वैदिक काल से इसे भारतीय सभ्यता का पालना कहा जाता था।ब्रह्मऋषि के प्रदेश का ऋग्वेद में रज हरियाणे के नाम से उल्लेख है।आर्यों का आगमन पंजाब हरियाणा में ही हुआ। 18 दिन चले महाभारत का युद्ध 900 ईस्वी पूर्व कुरुक्षेत्र में हुआ था,इसे तब बहुधान्यक के नाम से जाना जाता था। 13 वें दिन कुरुक्षेत्र के पास आमीन गांव में अभिमन्यु का वध हुआ था,अब यह गाँव अभिमन्युपुर के नाम से जाना जाता है।गीता का उपदेश ज्योतिसर में आज भी विद्यमान विशाल वटवृक्ष के नीचे श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था। सिंधु घाटी सम्यता के निशान राखीगढ़ी(हिसार) व बनावली(फतेहाबाद) में मिले। मगध साम्रज्य के दो महाजनपद कुरु व पांचाल हरियाणा में ही थे व मौर्य काल के राजाओं चन्द्रगुप्त मौर्य,बिंदुसार व अशोक ने भी शासन किया। हर्षवर्धन की राजधानी थानेसर थी,जिसे बाद में कन्नौज को बनाया। मुगल काल में पंजाब हरियाणा का विशाल क्षेत्र उनके अधीन था, जो अंग्रेजों के शासन में उनके पास रहा। 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की विफलता के बाद बहादुरगढ़ व झज्जर के नबाबों व वल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह व रिवाड़ी के राव तुला राम की सत्ता छीन ली गई। 1947 में पंजाब का हिस्सा पाकिस्तानको चला गया,शेष पंजाब में हरियाणा भी था,जो एक नवम्बर 1966 को नए राज्य के रूप में गठित हुआ। तब हरियाणा में सात जिले थे अब बाईस हैं। पहले मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा थे, पर राजनीतिक उठापटक के कारण राव वीरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री बने,तभी से हरियाणा में आयाराम गय राम की राजनीति का जन्म हुआ जो विभिन्न रूपों में पूरे देश में व्याप्त है। इस की सबसे बड़ी पराकाष्ठा तब हुई जब भजन लाल पूरी जनता सरकार कांग्रेस में विलीन हो गई। राजनीतिक सौदेबाजी अब तो सत्ता हथियाने का ही माध्यम है, ऐसा ही बंसीलाल,देवीलाल,हुड्डा के राज में हुआ,जिस दुष्यंत चौटाला को खट्टर जी दो मुहाँसाँप कहते थे,उसी के साथ उसे उपमुख्यमंत्री बना कर गठबंधन सरकार चला रहे हैं। हरियाणा की आबादी 2 करोड़ 63 लाख हैं। कृषिप्रधान हरियाणा बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। प्रौद्योगिकी में हरियाणा बहुत आगे है,गुरुग्राम साइबर सिटी के रूप में अपनी पहचानबना चुका है।उद्योग में भी हरियाणा के कई जिले नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।सडकों का तो35300 किलोमीटर से ज्यादा का जाल फैला हुआ है।हिसार,करनाल,पिंजौर,नारनौल,भिवानी असैनिकहवाईअड्डे है।44 पर्यटक स्थल हैं। सूरजकुण्ड का हस्तशिल्प मेले में देश विदेश की सेंकडों कम्पनियांहिस्सा लेतीं हैं,लाखों लोग देखने आते हैं। राजनीतिक उठापटक के इतिहास वाले इस राज्य में शिक्षा काव्यापक विस्तार है,हर जिले में मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना पूरी हो रही है,पर लगातार बढ़ते अपराधों,दिनदहाड़े गोलीबारी,डकैती लूटपाट की घटनाओं ने हरियाणा की छवि धूमिल कर दी है,जिसे प्रशासनको बिना भेदभाव के सख्त कार्यवाही करते हुए स्वच्छ करना होगा। “देशां में देश हरियाणा,जित दूध दही का खाणा” वाला हमारा समृद्ध राज्य बेरोजगारी व महंगाई की समस्या को दूर कर अपने प्राचीन गौरवको प्राप्त करे,हर राज्यवासी की यही उत्कण्ठअभिलाषा है,तीव्र इच्छा है। Post navigation हारने वाली पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की राह नहीं होगी आसान म्हारा हरियाणा सबसे सोहना लागे