वोट कटवा पार्टियों से रहें सावधान, इनका मक़सद सिर्फ़ बीजेपी की मदद करना- हुड्डा
आख़िरी वोट पड़ने तक पूरी तरह सावधान रहें कार्यकर्ता, शराब और पैसा बांटने वालों पर रखें पैनी नज़र- हुड्डा
भगवान वाल्मीकि जयंती के मौक़े पर मंदिर पहुंचकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
वकीलों और पत्रकारों को संबोधित करते हुए हुड्डा ने गिनवाए उनकी सरकार में हुए काम

31 अक्टूबर, गोहाना(सोनीपत): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज भगवान वाल्मीकि जयंती के मौक़े पर गोहाना स्थित मंदिर में पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौक़े पर उन्होंने समाज को भगवान वाल्मीकि के बताए रास्ते और सिद्धांतों पर चलने का संदेश दिया। जयंती समारोह में मौजूद वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के दौरान समाज के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई गई थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने उन योजनाओं को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारी सरकार बनते ही फिर से उन कल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया जाएगा और पूरे समाज से दिशानिर्देश लेकर दलित और ग़रीब तबके को हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का रास्ता बनाया जाएगा।

इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सुर्या गार्डन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस मौक़े पर हुड्डा ने कहा कि उन्हें बरोदा हलके और पूरे हरियाणा की चिंता है लेकिन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और बाकी सब विरोधियों को सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चिंता सता रही है। चुनाव प्रचार करने आ रहे मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के पास ना गिनवाने के लिए कोई काम है और ना ही बताने के लिए कोई योजना। सत्ताधारी नेता सिर्फ व्यक्तिगत टिप्पणी करके हवा-हवाई बातों से लोगों के वोट लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बरोदा की जनता इनकी सच्चाई समझ चुकी है और बीजेपी-जेजेपी को भारी मतों से मात देने का मन बना चुकी है।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने गोहाना में बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में शिरकत की। यहां वकीलों को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस शासनकाल के दौरान बरोदा में हुए कामों का लेखा-जोखा सांझा किया। उन्होंने बताया कि उनके शासनकाल में अकेले बरोदा हलके में एक 133 केवी और दर्जनभर 33 केवी के पावर हाउस बनवाए गए। पीने के पानी की किल्लत दूर करने के लिए 10 जलघर, 20 ट्यूबवेल और क़रीब हर गांव में बूस्टर पंप लगवाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए क़रीब 20 गांवों में स्टेडियम बनवाए। हलके में ही 7 सीएचसी और पीएचसी का निर्माण करवाया। फसलों की सिंचाई के लिए महीने में कम से कम 15 नहर चलाई जाती थी। सभी ड्रेनों की सफाई करवाई और आख़िरी टेल तक पानी पहंचाया। मार्केट बोर्ड की ओर से बरोदा हलके में 67 सड़कों का निर्माण करवाया। विकास के लिए गांवों को करोड़ों रुपये की ग्रांट दी। चौपाल बनाने और मरम्मत के लिए अलग से ग्रांट दी गईं। हर गांव में रणबीर सदन और आंगनवाड़ी केंद्र बनवाए गए। गोहाना में एक महिला विश्वविद्यालय, 500 बेड का महिला मेडिकल कॉलेज और 50 बेड का अस्पताल बनवाया। गोहाना और बुटाना में आईटीआई की बिल्डिंग बनवाई। कथूरा और मुंडलाना में वीईआई और बुटाना में जवाहर नवोदय विद्यालय बनवाया गया। साथ ही किसानों के कर्ज़, ब्याज और बिजली बिल माफ किए गए। फसलों के उचित दाम और वक्त पर पेमेंट दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास तो गिनवाने के लिए और सैंकड़ों काम हैं। लेकिन बीजेपी के पास बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा या कल्याण का एक भी काम ऐसा नहीं है, जो धरातल पर मौजूद हो।

हुड्डा ने कहा कि वकील देश के अग्रणी और जागरूक नागरिक हैं। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि वकील जनता के बीच सरकार की सच्चाई और सही तथ्य रखेंगे। वकील बख़ूबी समझते हैं कि किस तरह नए कृषि क़ानूनों को लागू करके धीरे-धीरे एमएसपी और मंडियों को ख़त्म किया जा रहा है, जो प्रदेश के किसानों के घातक है। किसान, कर्मचारी, व्यापारी, छोटा कारोबारी ऐसा कोई तबका नहीं है जो इस सरकार से परेशान नहीं है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि समाज को न्याय दिलावाने वाले सही-ग़लत का आंकलन कर जनविरोधी बीजेपी सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे।

इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं से भी मुलाक़ात की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि 3 तारीख़ को आख़िरी वोट पड़ने तक हर कार्यकर्ता को पूरी तरह सावधान रहना है। क्योंकि सत्ता पक्ष की तरफ से प्रलोभन की राजनीति शुरू कर दी गई है। कार्यकर्ता सुनिश्चित करें कि गांवों में कोई शराब और पैसे बांटकर वोट हथियाने की कोशिश ना करे। बरोदा के हरेक वोटर को उनके वोट और इस चुनाव की अहमियत के बारे में जागरूक करना है। चुनावों में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए खड़े हुए वोट कटवा उम्मीदवारों से भी सावधान रहना है। उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल की जीत जितनी बड़ी होगी, मौजूदा गठबंधन सरकार के दिन उतने ही कम होंगे।

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