एमएसपी से कम रेट पर बिक रहे हैं किसान के धान, कपास, मक्का और बाजरा- हुड्डा
500-1000 रुपये प्रति क्विंटल हो रहा है किसानों को घाटा, लागत भी नहीं हो रही पूरी- हुड्डा
किसानों की दुर्गति का बदला सरकार से लेगी बरोदा की जनता- हुड्डा
बरोदा से होकर जाएगा चंडीगढ़ का रास्ता, उपचुनाव से उठेगी प्रदेश में परिवर्तन की लहर- हुड्डा
29 अक्टूबर, गोहाना(सोनीपत): नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज बरोदा हलके के सिकंदरपुर माजरा, बली ब्राह्मण, कटवाल और भैंसवाल कलां गांव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के लिए वोट मांगे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बरोदा उपचुनाव सिर्फ एक विधायक बनाने की नहीं बल्कि प्रदेश में परिवर्तन की लड़ाई है। बरोदा से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की बड़ी लहर उठेगी, जो चंडीगढ़ तक जाएगी। चंडीगढ़ की सत्ता का रास्ता बरोदा से होकर निकलेगा। इसलिए इलाक़े की जनता को इसबार एक ऐसा जनादेश देना है, जो प्रदेश सरकार की नींव हिलाकर रख दे।
मुख्यमंत्री खट्टर की बरोदा में हुई पहली चुनावी रैली पर भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हार सामने देखकर घबरा रहे मुख्यमंत्री बिलकुल आख़िरी दौर में औपचारिकता पूरी करने बरोदा आए हैं। उनकी कथूरा रैली में बरोदा के कम बाहर से आए लोगों की तादाद ज्यादा थी। उनमें भी कई लोग ऐसे थे जिन्हें शराब या रुपयों का लालच देकर बुलाया गया था। इसलिए चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए और चुनाव का माहौल ख़राब करने वाले ऐसे आयोजनों पर पैनी नज़र रखनी चाहिए।
गांवों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री खट्टर के एमएसपी वाले बयान का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की एमएसपी ख़त्म होने पर मुख्यमंत्री राजनीति छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें एक बार प्रदेश की मंडियों का चक्कर लगा आएं और गांवों में किसानों से बात कर लें। किसान ख़ुद बता देंगे कि आज उसकी कोई भी फसल एमएसपी पर नहीं बिक रही है। किसान कई हफ्तों से मंडियों में धान और दूसरी फसलें लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी ढंग से ख़रीद नहीं हो रही है। पहले नमी, रजिस्ट्रेशन और गेट पास के नाम पर किसानों को परेशान किया गया और अब भुगतान के लिए लंबा इंतज़ार करवाया जा रहा है। लचर सरकारी व्यवस्था से परेशान होकर मजबूरी में किसान औने-पौने दामों पर अपनी फसल प्राइवेट एजेंसी को बेच रहे हैं। निजी एजेंसियां किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर उन्हें लूट रही हैं।
हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों को इन प्राइवेट एजेंसियों के हवाले करने के लिए ही 3 नए कृषि क़ानून लागू किए हैं। आज किसानों को अपनी धान 500 से 1000 रुपए कम रेट पर बेचनी पड़ रही हैं। कांग्रेस सरकार में 4-5 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बिकने वाली 1509 धान, अब 1700 से 2000 रुपये में बिक रही है। इसी तरह मक्का किसानों को भी प्रति क्विंटल 1 हज़ार से 12 सौ रुपये कम रेट मिला। यही हाल बाजरा और कपास का हुआ। साढ़े पांच हज़ार एमएसपी वाली कपास किसानों से 4500 रुपये से लेकर 5000 में ख़रीदी गई।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ बातों के ठग हैं, ना ये किसान को एमएसपी देने वाले और ना ही राजनीति छोड़ने वाले। मौजूदा सरकार की मंशा पूरी तरह किसान विरोधी है। आज ऐसा लग रहा है मानो सरकार किसानों को चौतरफा मार मारने में लगी है। हमारी सरकार में किसानों के लिए बनाई गई मंडी, एमएसपी, बोनस, सब्सिडी, मुआवज़ा जैसी व्यवस्थाओं को मौजूदा सरकार में ध्वस्त करने में लगी है। इसलिए पूरे हरियाणा की तरह बरोदा की जनता इस सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है। इसकी शुरुआत बरोदा उपचुनाव से होगी।