चंडीगढ़,23 अक्टूबर। सीएम द्वारा 10-15 दिन के भीतर बर्खास्त पीटीआई को एडजस्ट करने और चूल्हा ठंडा न होने देने के आश्वासन पर अमल न होने से बर्खास्त पीटीआई ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 17 दिन बीत जाने के बाद भी बर्खास्त पीटीआई को एडजस्ट न करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है और बर्खास्त पीटीआई को शिक्षा विभाग में पीटीआई के रिक्त पड़े 2474 पदों के विरुद्ध एडजस्ट करने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान सीएन भारती व महासचिव जग रोशन ने बताया कि करीब चार महीने चले आंदोलन के बाद सीएम व बर्खास्त पीटीआई के प्रतिनिधियों के बीच 6 अक्टूबर को सीएम आवास पर बैठक हुई थी।

शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के बैठक में मौजूद पदाधिकारियों के अनुसार सीएम ने 38 मृतक पीटीआई के आश्रितों की बंद की गई मासिक वित्तीय सहायता को तुरंत बहाल करने, 29 विधवा एवं तलाकशुदा पीटीआई को दो दिन के भीतर एडजस्ट करने और बाकी बचे सभी बर्खास्त पीटीआई को भी 10 से 15 दिन के भीतर एडजस्ट करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही अमल में नही लाई गई है। जिसको लेकर बर्खास्त पीटीआई ओर अन्य विभागों के कर्मचारियों में भारी आक्रोश पैदा हो गया है।

उन्होंने बताया कि पांच महीने से नौकरी से बर्खास्त पीटीआई के सामने भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। बच्चों की फीस जमा न होने से स्कूलों से नाम कटने की नौबत आ गई है और दुकानदारों ने अब उधार में राशन देने में आनाकानी करनी शुरू कर दी है। इसके अलावा कर्ज की किस्त जमा न होने से बैंक कर्मचारियों ने धरनों व घरों पर आकर किस्त जमा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आर्थिक संकट गहराने से बर्खास्त पीटीआई भारी मानसिक तनाव में हैं और शीघ्र एडजस्ट नही हुई तो कोई अप्रिय घटना भी घट सकती है। युमनानगर में एक बर्खास्त पीटीआई पहले ही मौत के मुंह में जा चुका है।

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