-कमलेश भारतीय यह खुशखबरी रावण के लिए है कि चंडीगढ़ में इस बार रावण दहन नहीं होगा । वैसे तो रावण को हर साल दहन कर कोई खास फर्क नहीं पड़ता । रावण हर साल ही नहीं हर दिन जिंदा हो जाता है । कभी मरा ही नहीं । अभी हाथरस में अट्टहास कर रहा रहा था । प्रियंका रेड्डी पर ठहाके लगा चुका है । जेसिका लाल को किसने मारा ? निर्भया की दुर्दशा किसने की ? मुम्बई फिल्मी दुनिया में चला मी टू अभियान बताता है कि रावण किस भेष में वहां रहता है । कितने चेहरे हैं दशानन के , अब कोई नहीं जानता । खैर , इस बार चंडीगढ़ में रावण दहन नहीं होगा । रामलीला कमेटियों का कहना है कि मंजूरी देने में बहुत देरी कर दी प्रशासन ने और अब कारीगर कह रहे हैं कि इतने कम समय में रावण व अन्य पुतले नहीं बनाये जा सकते । जरूरत ही क्या है ? बने बनाये जीवित रावण समाज में घूम रहे हैं । अब सबसे लम्बा रावण भी नहीं बनेगा । पिछले साल पैंतीस लाख का रावण चंडीगढ़ के निकट बराड़ा में बना था । काश , पैंतीस लाख रुपया बराड़ा की समस्याओं को हल करने पर लगा देते । रावण तो न पैंतीस फुट ऊंचा मरा और न बिना पुतला बनाये मरने वाला है । रावण को मारने के लिए संस्कृति बचाने की जरूरत है न कि पुतले जलाने की । रावण ने इस साल बड़ी राहत की सांस ली होगी । इस बार तो जलने से बच गया । हर शहर में जहां रामलीला होती होगी , रावण बच गया होगा इस बार । ये बचत जहां कहीं जरूरतमंद हों , उन पर खर्च की जाये तो रावण भी आशीष देगा । आखिर रावण को हम विद्वान तो मानते ही हैं । रावण से जुड़े स्थल खोजे जा रहे हैं । दो साल पूर्व मैं भारत यात्रा पर रामेश्वरम् तक गया था । यानी देश के आखिरी छोर तक । धनुषकोटि गांव भी देखा जहां पूर्व राष्ट्रपति डा ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था । वह गांव देखने गया जिसे समुद्र ने लील लिया था और वहां प्रशासन ने कोई भी मकान बनाने से रोक लगा दी । इसलिए कलाम के पिता जी सपरिवार रामेश्वरम् आकर बस गये सदा के लिए । पुरानी झोंपड़ियों के अवशेष और रेलवे स्टेशन के अवशेष इस गांव की कहानी सुनाते हैं । इस गांव के आसपास और दूर दूर तक समुद्र की लहरें उठती हैं । वापसी पर एक मंदिर आता है । इसी मंदिर में रामचंद्र जी ने समुद्र किनारे विभीषण का राज्याभिषेक किया था । मंदिर में किसी चित्रकार ने वे दृश्य बना रखे हैं । इस तरह भारत की खोज जारी है । रावण की खोज जारी रखनी चाहिए और वर्ष भर इंतज़ार न करके उसी समय मार डालना चाहिए । जय जय । Post navigation भूख से मर रहें है दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए जिम्मेवार कौन ? कपिल देव और दीप्ति नवल अस्पताल में , दुआएं कीजिए