नारनौल, (रामचंद्र सैनी): नारनौल स्थित क्षेत्र के प्रसिद्ध मां चामुंडा देवी जी मंदिर मामले में अब नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर में रिसीवी का कार्यभार संभालने वाले नारनौल के नायब तहसीलदार रतनलाल ने एक पूर्व ट्रस्टी नरेंद्र सोनी उर्फ टीटू के खिलाफ थाना शहर नारनौल में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। जिस पूर्व ट्रस्टी के खिलाफ नायब ने मुकदमा दर्ज करवाया है, इस ट्रस्टी ने ही मंदिर के ट्रस्ट को अदालत से भंग करवाकर इस पर रिसीवर नियुक्त करवाया है। नायब तहसीलदार ने इस पूर्व ट्रस्टी के खिलाफ बीती शाम एक शिकायत पुलिस में देकर इसके देर रात मुकदमा दर्ज करवाया है।

नायब तहसीलदार रतन लाल की तरफ से पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है, उन्हें अदालत द्वारा मूर्ति चामुंडा देवी जी मंदिर का रिसीवर नियुक्त किया गया था। माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में 15 अक्टूबर को मंदिर परिसर में चार्ज लेते हुए सभी कार्यालयों की चाबी प्राप्त कर ली थी। उन्होंने बताया कि माननीय हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में सभी ट्रस्टियों को अपना प्रभाव व्यक्त ना करने तथा किसी तरह रिसीवर को प्रभावित ना करने के लिए कहा हुआ है। नायब ने बताया कि लेकिन एक ट्रस्टी अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल व प्रचार करके मुझ रिसीवर को बार-बार आकर धमकियां दे रहा है और ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहा है। आदेशों के चलते पूर्व ट्रस्टी सत्यनारायाण मिश्रा को पुजारी पद से हटाने के कारण यह व्यक्ति चुपचाप आकर मंदिर परिसर में विडियोग्राफी कर रहा है। जो माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।

नायब तहसीलदार रतनलाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह एक हृदय रोगी है तथा नरेंद्र सोनी ऐसा करके उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा है। इसलिए इस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये।

इस मामले में नरेंद्र सोनी उर्फ टीटू सोनी का कहना है कि नायब तहसीलदार भंग ट्रस्ट के पूर्व सदस्यों व पदाधिकारियों के दबाव में आकर काम कर रहा है। इसकी उन्होंने जिला प्रशासन को एक शिकायत की है। जिसके चलते उस पर दबाव बनाने के लिए यह सब किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ नायब तहसीलदार रतनलाल ने कहा है कि एक तरफ तो नरेंद्र सोनी खुद अदालत के आदेशों की दुहाई दे रहा है और दूसरी तरफ खुद ही सत्यनारायण पुजारी को हटाने पर इसका विरोध करके आदेशों की अवहेलना कर रहा है। नायब तहसीलदार ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों में स्पष्टï लिखा है कि भंग ट्रस्ट के किसी भी सदस्यों को ट्रस्ट के कार्यालय में बैठने और रिसीवर को प्रभावित करने की इजाजत नहीं होगी। नायब ने बताया कि अब इस मामले की हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 दिसंबर 2020 को होगी।

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