Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर- ‘ई-रजिस्ट्रेशन’ के माध्यम से तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज एक और बड़ी पहल करते हुए भ्रष्टाचार का एक और अड्डा माने जाने वाले आरटीए कार्यालयों पर शिकंजा कसते हुए सभी जिलों में आरटीए सचिव के स्थान पर अलग से जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) नियुक्त करने की घोषणा की है।

आज यहां सेक्टर-3 में हरियाणा निवास में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे नवरात्रों के शुभ अवसर पर शुद्धिकरण का मन बना चुके हैं और आरटीए के बाद हर विभाग जहां पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश है, उसको खत्म करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अलग से एचसीएस अधिकारी लगाने के बाद सरकार की यह दूसरी पहल है कि आरटीए के स्थान पर डीटीओ लगाए जाएंगे। इनकी नियुक्ति 2 दिनों के अंदर-अंदर कर दी जाएगी और अब सभी 22 जिलों में आरटीए की बजाए डीटीओ होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील कार्यालयों में बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के बाद अब आम जनता को आरटीए कार्यालयों में भी बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा , चाहे वह ड्राइविंग लाइसेंस की बात हो या वाहन पासिंग की बात हो। उन्होंने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनैस की जांच करने के लिए रोहतक के बाद छ:और स्थानों अंबाला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों के इन्सपैक्शन एवं सर्टिफिकेशन केंद्र खोले जाएंगे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि 11 जिलों कैथल, झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में ओटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे, जहां कंप्यूटरीकृत मशीनों के द्वारा ड्राईविंग स्किल्स का टेस्ट लिया जाएगा और लाइसेंस बनवाने वालों को किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए कुल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और ये केंद्र एक साल के अंदर-अंदर खोल दिए जाएंगे।
इसी प्रकार, वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग भी एक भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है, इस पर अंकुश लगाने के लिए सडक़ों पर पोर्टलेबल धर्मकाँटे लगाए जाएंगे, जिससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन के वजन का तोल हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 45 पोर्टलेबल धर्मकाँटे खरीद लिए गए हैं और इसकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में और भी पोर्टलेबल धर्मकाँटे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगे से वाणिज्यिक वाहनों की चैकिंग व पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी और इसकी मॉनिटरिंग मुख्यालय पर की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन वाहनों में आमतौर पर ओवरलोडिंग की समस्या की शिकायतें मिलती हैं , इसके लिए ‘ई-रवाना’ सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार किया जा चुका है और अब इसको परिवहन विभाग के ‘वाहन’ सॉफ्टवेयर के साथ समेकित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि वर्तमान में आरटीए कार्यालय में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है और आरटीए कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 627 है। एक साल के अंदर-अंदर आरटीए कार्यालयों के लिए नई भर्ती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वे आज ही स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों को सरकार के इस निर्णय से अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि डीटीओ के पद पर जरूरी नहीं कि आईएएस या एचसीएस अधिकारी लगाए जाएं, बल्कि इसके लिए अब भविष्य में आईपीएस, एचपीएस या किसी अन्य विभाग के क्लास-1 अधिकारी को भी प्रतिनियुक्ति पर लिया जा सकेगा ।

उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि आरटीए के बाद किसी और विभाग का भी चयन करेंगे जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक संभावना है और उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा।

इस अवसर पर परिहवन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री पी. सी. मीणा के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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