चण्डीगढ़ / हांसी 14 अक्तूबर । मनमोहन शर्मा ओपी चौटाला ने कहा कि देश की हालत बहुत खराब है वो भी सरकार की वजह से हमारा ये देश कृषि प्रधान देश है देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है किसान खुशहाल है तो देश खुशहाल है । आज देश के हर वर्ग को इन्होंने परेशान किया। इस सरकार की वजह से प्रेस के लोग भी परेशान है बदकिस्मती से ऐसे लोगो के हाथ मे हकूमत आ गई जिन्हें देश से प्यार नही पैसे से प्यार है।समाजिक दृष्टि से मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे और ऐसी बहुत सी जगह है जो मुसीबत की वक्त लोगो की मदद करते है लेकिन सरकार उस मदद को सरकारी दिखा रही है । जिसका परिणाम यह है कि देश बहुत बड़ा कर्ज उठाये हुए है । हरियाणा में कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिये कर्ज उठाना पड़ता है । हमारी सरकार के समय प्रदेश के खजाने में खूब पैसा था। 2 लाख करोड़ से ज्यादा कर्जा हरियाणा के सर पर है । एक तरफ ये लूट रहे है दूसरी तरफ लोगो को परेशान कर रहे है.. पढ़ने वाले बच्चो से कोरोना की आड़ में 5 रुपये प्रति महीना लेने का काम कर रही है। जबकि चौधरी देवीलाल ने एक रुपये प्रति माह बच्चो को देने का फैसला लिया था तीन कानूनो की वजह से हर नागरिक परेशान है । हमारी पार्टी इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे है । 20 नवंबर को हम किसान बचाओ रैली करने जा रहे है । इस रैली से साबित हो जायेगा कि लोग मौजूद सरकार की कितने हताष है। हरियाणा में इन कानूनो का परिणाम बरोदा चुनावो से हो जायेगा । 15 तारीख को हमारा प्रत्याशी ऐलाना जायेगा जो 16 को नामांकन करेगा । 23 तारीख से मैं खुद बरोदा जाकर चुनाव प्रचार करूंगा। हम इस चुनावो को भारी बहुमत से जीतेंगे । हमने अतीत में अच्छे निर्णय लिये है आगे भी अच्छे काम करते रहेंगे मेरी 10 साल की कमी को लोग पूरा करने का काम करेंगे । सीएम विंडो पर तंज कसते हुए चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री की खिड़की बंद है किसी एक व्यक्ति का काम मुख्यमंत्री के कहने से नही होता । एक मंत्री ने मुझे कहा कि एस एच ओ और डीएसपी के तबादले भी मुख्यमंत्री के कहने से होता है लेकिन मुख्यमंत्री खुद परेशान है क्योंकि उसकी बात कोई मानने को तैयार नही है प्रशासन नाम की चीज़ प्रदेश में नही है। सरकार की तरफ से फसलों की निर्धारित मूल्यों पर खरीद नही की जा रही है। हमारे हिस्से का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पर्याप्त मात्रा में नही मिल रहा है । हमारे वक्त में निकली दाद्दुपुर नलवी चलती नहर को इन्होंने मिट्टी डाल का बन्द कर दिया ताकि किसानों को पानी ना मिले। हमने अपनी सरकार के समय बाजरे सरकारी दामो पर खरीदा था सरकार को इससे कई सौ करोड़ का नुकसान हुआ था क्योकि बाद में सरकार ने बाजरा आधे दामो पर बेचा था लेकिन हमने किसान को परेशान नही होने दिया था आज के हालात की देख कर लगता है कि अगली सरकार इंडियन नेशनल लोकदल की होगी । जिसे बरोदा चुनाव साबित करेगा की लोग क्या चाहते है। हमारी सरकार के समय हम लोगो की बात सुनने गांवो में जाया करते थे। लोगो की मांगों को वही पूरा कर दिया जाता था । हमने अपनी सरकार के समय बिना मांगे हर शमशान के लिये पक्की सड़क बनाई थी । क़ब्रिस्तान की चार दिवारी की । हमारी सरकार के समय लोगो की मांग के अनुरूप सरकार चलती थी । हमारी सरकार के वक्त में जिन कर्मचारियों को नोकरी मिली थी जो शिक्षक भर्ती हुए थे उनकी तो प्रमोशन हो गई और मैं 10 साल काट कर आया हूं अब यह बताने की जरूरत नही की कौन दोषी था ।हमने 15 साल का नुकसान काटा है इन 15 सालो को लोगो का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकारी खजाने से करेंगे। जो हमे छोड़ कर गये थे ना सिर्फ वो बल्कि दूसरी पार्टियों के अच्छे लोग भी हमे जोइन कर रहे है।जो लोग सत्ता का सुख भोगने के लिये भाजपा गये थे वो आज वापिस आ रहे है क्योंकि उन्हें इच्छा के मुताबिक सम्मान नही मिला । केंद्र में भी यही हाल है कि लोग वहां भी सत्ता को छोड़ कर जा रहे है। बरोदा चुनाव में अभी तक भाजपा और जेजेपी यह फाइनल नही कर पाये की उम्मीदवार किसका चुनाव में उतारा जाये जेजेपी का दिवाला पिट चुका है । वह चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने की बात करते है अपने दादा को दादा ना मानकर वो विधायक गौतम को दादा मान रहे थे जो उन्हें छोड़ चला गया और भी कई विधायक इसी तरह उन्हें छोड़ कर जायेंगे। अकाली दल द्वारा एनडीए छोड़ने के मसले पर ओपी चौटाला ने कहा की राजनैतिक विकटम होते है । व्यचारिक सोच की दृष्टि से हम आने वाले समय मे अकाली दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते है लेकिन एसवाईएल पर अब भी हमारी स्टैंड स्पष्ट है कि पानी लेकर रहेंगे। Post navigation दलितों को मूत्र पीने पर मजबूर किया जा रहा है- रणदीप सुरजेवाला। सरकार में बढ़ते असंतोष को दबाने के लिए चेयरमैनी का लालीपोप थमाया : विद्रोही