चण्डीगढ़,13 अक्तूबर- हरियाणा को वैश्विक कृषि पुरस्कार-2019 के तहत सर्वश्रेष्ठ पशुपालक राज्य का पुरस्कार मिला है। राज्य को यह पुरस्कार पशुपालन क्षेत्र और किसान की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर व्यापक सकारात्मक प्रभाव डालने वाली महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों के लिए दिया गया है जिसने कृषि क्षेत्र के विकास में मदद की है और लाखों किसानों के जीवन को प्रभावित किया है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय चैम्बर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर द्वारा गत 5 अक्तूबर को दिल्ली में आयोजित चतुर्थ ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट, 2019 के दौरान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुनील गुलाटी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

उन्होंने बताया कि यह सब विभाग द्वारा वर्ष 2019 के दौरान सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के कारण सम्भव हो पाया है। गाय और भैंसों के लिए संयुक्त एचएस+एफएमडी टीके का प्रयोग करने वाला हरियाणा पहला राज्य है। विभाग द्वारा पहले चरण में किसानों के घर-द्वार पर 60 लाख पशुओं का संयुक्त टीकाकरण सफलापूर्वक किया जा चुका है। इसके अलावा, ‘हर पशु का ज्ञान’ नाम के मोबाइल एप का उपयोग करके 52 लाख बड़े जानवरों का फोटो सहित पूरा विवरण एकत्र किया गया है।

उन्होंने बताया कि ‘हर पशु का ध्यान’ में एक नवीन परियोजना पर कार्य किया जा रहा है, जो देश में अपनी तरह का पहला डाटा संग्रह है। इसका उपयोग पशुपालकों को उनके घर-द्वार पर बड़ी संख्या में सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पशुओं के आनुवंशिक सुधार के लिए हरियाणा पशु (पंजीकरण, प्रमाणन और प्रजनन)अधिनियम, 2019 पारित करने वाला हरियाणा पहला राज्य है। राज्य के प्रत्येक सरकारी पशु चिकित्सालय में पशु स्वास्थ्य कल्याण समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों के स्तर पर पशुधन औषधि भण्डार स्थापित करने की अभिनव योजना शुरू की गई है।

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