-उच्च न्यायालय में अब संगठन देगा अवैध भवन और डॉ दंपति के घोटालों से जुड़े तथ्य -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर गए थे कोर्ट -अब अंचल दंपति से प्रशासनिक व नगर परिषद अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़े तथ्यों को भी रखेगा हाई कोर्ट के सामने भिवानी, 13 अक्तूबर। भिवानी के दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के अवैध भवन निर्माण मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल को कोई राहत नहीं दी। सोमवार को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान अंचल दंपत्ति ने रामरहीम की पैरवी करने वाले अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में अपना पक्ष रखा। अंचल दंपत्ति ने कोर्ट को रिकार्ड भी उपलब्ध कराया था, जिसके आधार पर अंचल दंपत्ति ने इस मामले को खारिज करने और फिर स्टे किए जाने तक की पुरजोर मांग की, लेकिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने उसके पक्ष को सुना और फिर याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए इस मामले में जिला प्रशासन और नगर परिषद की कार्रवाई पर असंतोष जताया और अंचल दंपत्ति के साथ अधिकारियों की मिलीभगत और कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला रखा। जिस पर न्यायालय ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार को इस मामले में जुड़े तथ्य शपथ पत्र सहित उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए। वहीं न्यायालय के आदेशों की अनमानना मामले में पार्टी बने नगर परिषद के ईओ और सचिव के पक्ष से एएजी सुमित गुप्ता ने भी अपना जवाब दाखिल किया। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि उच्च न्यायालय में अंचल दंपत्ति के अवैध भवन और घोटाले से जुड़े तथ्य शपथ पत्र के साथ रखे जाएंगे। इसमें जिला प्रशासनिक अधिकारियों व नगर परिषद अधिकारियों की भी डॉ अंचल दंपत्ति के साथ मिलीभगत कर कार्रवाई नहीं किए जाने से जुड़े तथ्य भी रखे जाएंगे। अब तक अधिकारियों ने इस मामले में महज लीपापोती और खानापूर्ति में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी हैं, लेकिन उच्च न्यायालय ने संगठन द्वारा इस संबंध में विस्तृत तथ्य उपलब्ध कराए जाने के अनुरोध को स्वीकार किया है। इसके बाद भ्रष्टाचार में डूबे प्रशासनिक व नगर परिषद अधिकारियों की भी पोल खोली जाएगी और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराए जाने की भी पुरजोर मांग उठाई जाएगी। बृजपाल सिंह परमार ने इस पूरे प्रकरण में बताया कि शामजात भूमि पर अवैध भवन निर्माण करने वाले डॉ अंचल दंपत्ति द्वारा बिना नक्शा पास कराए ही अस्पताल का संचालन किया और किसी भी संबंधित विभाग से कोई एनओसी बगैर उसे चालू कर लिया। जबकि निर्माणाधीन अस्पताल के दौरान ही मामले की शिकायत संबंधित प्रशासनिक व नगर परिषद अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी थी।– Post navigation बजरंग दल ने इस्लामिक जिहाद का पुतला फूंका केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के बावजूद, स्कूल संचालक नहीं खोलेंगे स्कूल।