पंचकूला। पंचकूला के लोगों को जल्द ही सरकारी अस्पताल की लंबी-लंबी लाइनों से छुटकारा मिलने जा रहा है। दरअसल माता मनसा देवी मंदिर परिसर में ओपीडी सुविधा से लैस एक डायग्नोस्टिक सेंटर खुलने जा रहा है। जिसमें लोगों को किफायती शुल्क में इलाज मुहैया कराया जाएगा। ये डायग्नोस्टिक सेंटर करोड़ों रुपये की लागत से बनाया जाएगा। माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एमएस यादव ने बताया कि माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की एक बैठक में एमडीसी में एक डाइग्नोस्टिक सेंटर खोलने का फैसला लिया गया था। ये डायग्नोस्टिक सेंटर एमडीसी स्थित आईवीवाई अस्पताल के सामने माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की खाली पड़ी 4 कनाल 7 मरला जमीन पर बनाया जाएगा।

सरकारी अस्पताल की लंबी लाइनों से राहत

एमएस यादव ने बताया कि अन्य अस्पतालों की हालत को देखते हुए डाइग्नोस्टिक सेंटर खोलने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बनाए जाने वाले इस डायग्नोस्टिक सेंटर में सभी प्रकार के टेस्ट उपलब्ध करवाए जाएंगे। यहां रिटायर्ड डॉक्टर्स, एनजीओस से डॉक्टर्स और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी।

यादव ने बताया कि डायग्नोस्टिक सेंटर में टेस्ट के साथ मरीजों को टेस्ट मरिजों को दवाई भी उपलब्ध करवाई जाएगी। माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा खोले जा रहे इस डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड के साथ-साथ ईसीजी, डायलिसिस और अन्य प्रकार की टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जितने भी डोनर्स ने आज तक माता मनसा देवी मंदिर में डोनेट किया है उन्हीं डोनर्स के पैसे से ये डाइग्नोस्टिक सेंटर बनाया जाएगा। जहां लोगों का इलाज कम पैसों में उपलब्ध होगा।

माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा खोले जाने वाले डायग्नोस्टिक सेंटर को लेकर नागरिक अस्पताल की सीएमओ डॉक्टर जसजीत कौर का कहना है कि माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा डायग्नोस्टिक सेंटर के खुलने से लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इससे नागरिक अस्पताल और अन्य डायग्नोस्टिक सेंटर्स में जुटने वाली भीड़ में भी कमी आएगी। कई बार डायग्नोस्टिक सेंटर में भीड़ होने से मरीजों की रिपोर्ट्स लेट आती थी। लेकिन अब डायग्नोस्टिक सेंटर के खुलने से रिपोर्ट जल्द उपलब्ध हो सकेगी।

मनसा देवी मंदिर परिसर में डायग्नोस्टिक सेंटर खुलने से एक तरफ जहां लोगों को फायदा होगा। वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतात के डॉक्टर भी राहत की सांस लेंगे। क्योंकि अस्पताल में लगने वाली भीड़ में कमी आएगी और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।

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