-स्वास्थ्य अधिकारियों ने माना आयुष भारत के तहत जनरल मेडिशन में अंचल अस्पताल मरीजों को नहीं दे सकता ईलाज -स्वास्थ्य विभाग ने डीसीएचसी पोर्टल से हटाया अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम में कोविड सेंटर -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने की थी अवैध भवन में कोविड सेंटर की शिकायत

भिवानी, 10 अक्तूबर। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर अंचल मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में डॉ विनोद अंचल ने गलत तथ्यों के आधार पर कोविड-19 सेंटर बनवाया था। इसका खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने सिविल सर्जन को 05 अगस्त को शिकायत दी थी, जिसमें दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के अवैध भवन में कोविड-19 सेंटर चलाए जाने पर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने क्या कार्रवाई की इसी की जानकारी के लिए बृजपाल सिंह परमार ने एक आरटीआई भी सिविल सर्जन कार्यालय में 04 सितंबर को लगाई थी।

 बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से आरटीआई के मिले जवाब में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जांच में पाया कि गलत तथ्यों के आधार पर डॉ विनोद अंचल ने मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल बताकर उसमें कोविड सेंटर बनवाया था। स्वास्थ्य विभाग ने आरटीआई के जवाब में बताया कि डॉ विनोद ने लिखित में अनुरोध पत्र 18 जुलाई को दिया था। जिसमें बाल चिकित्सा, जनरल सर्जरी, गायनालॉजिस्ट की सुविधा है, इसके अलावा जनरल मेडिशन और अन्य सुविधाओं के लिए कार्यवाही की हुई है। डॉ विनोद ने अनुरोध पत्र में यह भी बताया था कि उसके पास 10 बैड कोविड के लिए रिजर्व किए जा सकते हैं और दो सप्लाई व वेंटीलेटर की व्यवस्था भी है। इसके बाद डीसीएचसी ने इस अस्पताल में कोविड सेंटर बना दिया था।

लेकिन बृजपाल सिंह परमार ने अवैध भवन में कोविड सेंटर की शिकायत सिविल सर्जन को दी थी। इसी में कार्रवाई करते हुए आयुषमान अधिकारी को पत्राचार किया गया, जिसमें आयुषमान अधिकारी ने बताया कि अंचल अस्पताल में मरीजों को आयुष्मान भारत स्कीम के अंतर्गत जनरल मेडिशन का इलाज नहीं दे सकते हैं। इसी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 11 अगस्त को ईमेल के जरिए उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया कि यह अस्पताल आयुषमान में फिजिशियन में योग्य नहीं है। इसके बाद डीसीएचसी पोर्टल से हटा दिया जाए। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कोविड सेंटर के जरिए कोरोना मरीजों को मिलने वाले बजट को हड़प करने की रणनीति बनाई गई थी।

नहीं है अस्पताल की कोई एनओसी, अवैध भवन में चल रहा है अधिकारियों से मिलीभगत का खेल

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी क्योंकि दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम अवैध भवन में चल रहा है, जिसकी किसी भी संबंधित विभाग से कोई एनओसी तक नहीं है, ऐसे में बिना जांच पड़ताल के स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलीभगत कर गलत तथ्यों के आधार पर कोविड-19 के मरीजों का उपचार के लिए सेंटर हासिल किया गया। इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य अधिकारियों की भी मिलीभगत और मरीजों की जान से खिलवाड़ की बड़ी लापरवाही उजागर हुई हैं, वहीं अवैध भवन मामले में उच्च न्यायालय द्वारा कार्रवाई किए जाने के आदेशों पर भी प्रशासनिक व नगर परिषद अधिकारियों की मिलीभगत जगजाहिर हो चुकी हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय ने शहरी निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व जिला उपायुक्त व नगर परिषद अधिकारियों को भी अवमानना का नोटिस जारी किया हुआ है। जिसकी सुनवाई अब 12 अक्तूबर को उच्च न्यायालय में होगी। 

फर्जी तरीके से आयुषमान भारत स्कीम का भी अस्पताल में लिया गलत लाभ

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम में कमर्शियल यानी एक शोरूम के नक्शे के आधार पर बिना अनुमति के शामलात भूमि कब्जा कर अवैध भवन में अस्पताल का संचालन किया और फिर फर्जी तरीके से स्वास्थ्य अधिकारियों से मिलीभगत कर एक अगस्त 2019 को आयुषमान भारत योजना स्कीम हथियाई। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा व आयुषमान भारत के नोडल अधिकारी डॉ संदीप कुमार ने अवैध भवन को ही आयुषमान भारत योजना स्कीम के लिए फिट करार दे दिया और इसे मंजूरी दिलाने के लिए मामला भी सिफारिश कर ऊपर भेज दिया। इसी आधार पर अवैध भवन में आशुषमान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जाने लगा। बृजपाल ने बताया कि अवैध भवन में दस चिकित्सक भी फर्जी तौर पर पैनल में दर्शाये हुए हैं। इसमें संगठन ने आशुषमान योजना में सरकारी राशि का गबन किए जाने और अवैध भवन में अस्पताल चलाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किए जाने की शिकायत भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व आशुषमान भारत योजना के उच्चाधिकारियों को दी है। इसमें अस्पताल संचालक के खिलाफ आपराधिक व धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज किए जाने की भी मांग की गई है। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में भी किया था घोटाला

बृजपाल सिंह ने बताया कि अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के संचालक अंचल दंपति ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में भी घोटाला किया था। जिसकी स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई थी। जिसमें पाया था कि अस्पताल के अंदर ऑप्रेशन थियेटर नहीं होने के बावजूद भी 350 मरीजों का कागजों में ऑप्रेशन दिखाकर बजट हड़प लिया था। अस्पताल में बेड की क्षमता 15 थी, जबकि एक ही दिन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 28 मरीजों के ऑप्रेशन दर्शाये गए थे। जांच हुई तब सभी मरीजों के ब्लड ग्रूप भी एक जैसे ही मिले। इसी के बाद स्वास्थ्य बीमा योजना स्कीम को 04 नवंबर 2016 को सस्पेंड कर दिया गया था।  

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