किसान और किसानी को लेकर संत समाज के द्वारा भी चिंता जाहिर.
किसान परिवारों के सामने भयंकर आर्थिक संकट खड़ा हो गया

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेश और एनएसपी सहित अन्य मुद्दों को लेकर विभिन्न प्रांतों में किसान आंदोलन जारी है । इसी बीच सरकार के द्वारा विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्रकार की कृषि उपज की खरीद का कार्य भी आरंभ किया जा चुका है । इन्हीं सबके बीच में बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण तथ्य उभर कर सामने आया है कि अन्नदाता किसान और किसानी को लेकर संत समाज के द्वारा भी अपनी चिंता जाहिर की गई है ।

इसी कड़ी में काशी सुमेरु पीठाधीश्वर यदि सम्राट अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज के द्वारा दो टूक शब्दों में कहा गया है कि सरकार के लाख और भरपूर प्रयासों के बावजूद भी आजादी के बाद आज के दौर में भी किसानों का शोषण हो रहा है । बात शोषण तक ही सीमित नहीं है, शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती के शब्दों में दुकानों का भयंकर शोषण हो रहा है । यह बात उन्होंने विभिन्न राज्यों के पांच दिवसीय भ्रमण के दौरान सभाओं के दौरान भारतीय सनातन संस्कृति के प्रचार के साथ-साथ अन्नदाता किसान को केंद्र में रखकर कहीं ।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी के द्वारा मीडिया के नाम जारी एक संदेश के माध्यम से कहा गया है कि देश के विभिन्न प्रांतों में खास तौर से जहां गन्ना अधिक उत्पादन होता है वहां गन्ना किसानों का पिछले कई वर्षों का बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया जा सका है । जिसके कारण  किसान परिवारों के सामने भयंकर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है । देश का अन्नदाता कर्ज में गर्दन तक डूब चुका है । वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के द्वारा धान का न्यूनतम मूल्य अट्ठारह सौ रुपए निश्चित तो कर दिया , लेकिन मंडी में या बाजार में धान बिक्री के समय अन्नदाता किसान को यह मूल्य भी नहीं मिल पा रहा । उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष परा पीएम नरेंद्र मोदी से किसान हित को ध्यान में रखते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए राहत देने वाले फैसले लेने की अपील की है ।

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती अपने पांच दिवसीय प्रवास के दौरान खीरी ,लखीमपुर, गोलागोकर्ण नाथ, सीतापुर , लखनऊ, हैदर गढ़ , जगदीशपुर, सुल्तानपुर के प्रवास के दौरान भारतीय सनातन संस्कृति और भारतीय मूल्य सहित समाज की एकजुटता और समरसता को मजबूत बनाने के अभियान के उपरांत पुनः पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनारस स्थित काशी नगरी अपने आश्रम में लौटे हैं।  शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के द्वारा विश्वास जाहिर किया गया कि सरकार किसानों की परेशानी और समस्याओं पर गंभीरता से विचार करते हुए त्वरित कार्यवाही करेगी । उन्होंने कहा हमें यह नहीं भूलना चाहिए इस ब्रह्मांड में प्रत्येक प्राणी का पेट भरने के लिए केवल और केवल अन्नदाता ही एकमात्र ऐसा सामाजिक प्राणी है जो हर प्रकार की स्थिति में वह चाय सूखा हो आपदा हो अपना कृषि का कार्य किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ रहा है । बेशक से कृषि का कार्य करते हुए विभिन्न कारणों और कर्ज में डूबे अनगिनत किसान अपनी जान भी केवल मात्र इसलिए दे चुके हैं कि कभी ना कभी तो सरकार कृषि और किसान के हित में अवश्य कोई ना कोई फैसला लेगी ।

अपने प्रवास के दौरान अनेकों स्थान पर उन्होंने सनातन धर्मालंबियों श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि जीवन में आत्मिक शांति के लिए कैसे भी हालात हो अपने इष्ट भगवान को अवश्य याद करते हुए यथा सामर्थ पूजा अर्चना करते रहना चाहिए । भगवान महादेव जोकि आदि और अंत हैं , वही सभी प्राणियों को अनंत आत्मिक शक्ति भी प्रदान करते हैं । जिससे कि हम सभी का मनोबल प्रतिकूल हालात में भी मजबूत बना रहे । उन्होंने सर्व कल्याण की कामना करते हुए पुनः दोहराया की सरकार को अन्नदाता किसान के हित में सोचते हुए कार्य करनी चाहिए ।

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