धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़ ।बरोदा उपचुनाव को लेकर अभी तक यह असमंजस बना हुआ था कि बीजेपी जेजेपी गठबंधन किस फार्मूले पर चुनाव में उतरेगा ।ऊपरी तौर पर बहुत लोग यह मानकर चल रहे थे कि यह फार्मूला वही है जिसका आरंभ से प्रचार है और वह मुख्यतः इस आधार पर टिका है कि चुनाव में सिंबल हर हाल में भाजपा का होगा उम्मीदवार सहयोगी दल जेजेपी से भी लिया जा सकता है । इसके पीछे जाट मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करना ही मुख्य कारण माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने भी कई बार इस फार्मूले के बारे में सकारात्मक संकेत दिए है ।

इस संदर्भ में असमंजस तब बना जब जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहीं कह दिया कि चुनाव में उम्मीदवार जननायक जनता पार्टी का और चुनाव चिन्ह भारतीय जनता पार्टी का हो सकता है परंतु बाद में अजय सिंह ने यह कहकर पेंच फंसा दिया कि यदि उम्मीदवार जेजेपी का होगा तो सिंबल भी जेजेपी का ही होगा ।

परंतु इस मामले में खास बात यह है कि चुनाव को लेकर उम्मीदवार को लेकर और चुनाव चिन्ह को लेकर अभी तक जननायक जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेता एक बार भी आमने-सामने नहीं बैठे हैं ।मतलब कोई ऐसी औपचारिक बैठक नहीं हुई है जिसमें उपरोक्त विषयों पर चर्चा हुई हो ।

कई दिन तक यह प्रचार पूरे जोर-शोर से चला कि अब कई चीजें तय हो गई है । जाट उम्मीदवार मैदान में उतारा जा रहा है और जेजेपी के पास उपलब्ध दो मजबूत उम्मीदवारों भूपेंद्र मलिक और डॉ केसी बांगड़ मैं से किसी एक के नाम पर मुहर लगनी ही बाकी है परंतु यह फैसला बीजेपी के नेताओं को करना है ।

लेकिन जेजेपी के नेता यह फैसला तभी करेंगे जब भारतीय जनता पार्टी के नेता या मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसकी औपचारिक पेशकश करेंगे । अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है । उधर यह बात भी सबके सामने है कि भारतीय जनता पार्टी के अपने उम्मीदवारों में योगेश्वर दत्त महेंद्र मलिक रणधीर लठवाल आदि ऐसे हैं जिनके नामों पर चर्चा ज्यादा हो रही है ।

अब नई बात बताने की यह है कि बहुत चीजें आगामी 10 अक्टूबर को तय होने जा रही है । चुनाव समिति की बैठक उसी दिन होनी है । कहां होनी है यह अभी तय नहीं है परंतु सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि इस बैठक में बीजेपी का सिर्फ प्रदेश नेतृत्व मतलब मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ हरियाणा के प्रभारी ,संगठन मंत्री हल्का चुनाव प्रभारी आदि महत्वपूर्ण नेताओं के साथ जननायक जनता पार्टी के सारे महत्वपूर्ण नेता अजय सिंह चौटाला दुष्यंत चौटाला प्रदेश अध्यक्ष निशांत सिंह सहित कई लोग शामिल होंगे । इस बैठक में सभी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा होगी । इसी में सारे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे।

सूत्र यह भी बता रहे हैं कि जेजेपी के नेता अपने कार्यकर्ताओं टिकट के उम्मीदवारों पदाधिकारियों आदि को संतुष्ट करने के लिए कुछ भी कहें परंतु यह मूलभूत निर्णय दोनों दलों के नेताओं को मान्य है कि चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के निशान पर लड़ेंगे ।भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के सभी नेता सभी उम्मीदवारों के नाम पर उनकी उपयोगिता पर मजबूती पर सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर चर्चा करेंगें और तभी अंतिम फैसला लेंगे । तीन नामों का एक पैनल केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दिया जाएगा ।
10 अक्टूबर इसलिए महत्वपूर्ण है की तब तक सारे उम्मीदवार अपना अपना दम दिखा सकेंगे । उनके हर पक्ष पर विचार उसी दिन होगा ।

10 अक्टूबर की की संयुक्त बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस बैठक के बाद दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्ष संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करेंगे और चुनाव को लेकर सारी योजनाओं और सहमतियों के बारे में जानकारी देंगे। इसमें प्रमुख बिंदु यह बताने का रहेगा कि दोनों दल इकट्ठे चुनाव लड़ेंगे दोनों दलों के नेता इकट्ठा चुनाव प्रचार अभियान चलाएंगे। इसके बाद जिले में दोनों दलों के जिला अध्यक्ष भी संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे ।

अब 5 दिन तक दोनों दलों के टिकट के उम्मीदवार चुनाव में अपनी भूमिका उपयोगिता लोकप्रियता सिद्ध करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर सकते हैं । इस समय प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों और हलके के तासीर को देखते हुए भी यह कहा जा सकता है कि दोनों दलों का इकट्ठे होकर चुनाव लड़ना गठबंधन सरकार के लिए बहुत जरूरी है । यह दोनों इकट्ठे होकर इस चुनाव को बहुत बड़ी चुनौती के रूप में लेंगे तभी वे हुड्डा के गढ़ को तोड़ पाने में सफल हो पाएंगे ।

एक बात पक्की है कि केंद्रीय चुनाव समिति ने जेजेपी के उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा दी तो नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले उस उम्मीदवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेना जरूरी होगा ।यदि यह मौका आया तो गोहाना बरोदा के लोग 1999 के उस इतिहास को जरूर याद करेंगे जब इनेलो के नेता स्वर्गीय चौधरी किशन सिंह सांगवान को इसी तरीके से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता देकर सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट दी गई थी। वैसे हमें यह भी मानकर चलना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व यानी केंद्रीय चुनाव समिति अब भी भारतीय जनता पार्टी के अपने उम्मीदवार के नाम पर भी मुहर लगा सकती है परंतु उम्मीदवार का नाम अंतिम अक्षरों में घोषित करने की योजना से इनकार नहीं किया जा सकता ।

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