केंद्र व राज्य सरकार की कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों औऱ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ व महामारी की आड़ में सरकार कर रही कर्मचारियों की छंटनी हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों आदि में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को लगातार नौकरी से निकाला जा रहा है। इससे नाराज पंचकूला के कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ जिला प्रधान रामपाल मलिक की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन किया व सरकार से जनविरोधी नीतियां वापिस लेने की मांग की। संगठन सचिव श्रवण कुमार जांगड़ा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी के दौरान बेरोजगारी दर बहुत अधिक बढ़ी है। सरकार को इस दौरान अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देकर बेरोजगारी के संकट से निजात दिलानी चाहिए थी। लेकिन इसके उल्ट क्षेत्र विकास बोर्ड के अलावा भी पर्यटन निगम, नगर निगमों व पालिकाओं, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, मीरपुर यूनिवर्सिटी रेवाड़ी, स्वास्थ्य विभाग से ठेका कर्मचारी, पशुपालन विभाग, आईटीआई पलवल से अनुबंधित कर्मचारियों को हटाया गया है। यही नहीं शिक्षा विभाग के निर्दोष 1983 पीटीआई की बर्खास्तगी के बाद कंप्यूटर टीचर व लैब अटेंडेंट का अनुबंध भी खत्म कर दिया गया है। पॉलिटेक्निक से कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। इसलिए आज रोष प्रदर्शन कर इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हैं कि हर दिन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर रोक लगाई जाए व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से हटाए गए कर्मचारियों सहित पर्यटन निगम, शहरी विकास प्राधिकरण, मीरपुर यूनिवर्सिटी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी, पॉलिटेक्निक, प्रसारण निगम, पशुपालन, शिक्षा विभाग से पीटीआई, कम्प्यूटर टीचर्स, लैब अटेंडेंट इत्यादि सभी बर्खास्त/ छंटनी किए गए कर्मचारियों की सेवाएं बहाल की जाएं। इस रोष प्रदर्शन को सीआईटीयू की जिला प्रधान रमा व संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणधीर सिंह राघव ,एएचपीसी के नेता नितिन सिंघला, विकास कुमार , राजेन्द्र पाल व अशोक रंगा आदि कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया। Post navigation तीन किसान विरोधी काले कानून, किसानों के लिए गुलामी का रास्ता प्रशस्त कर दिया : कुलदीप बिश्नोई एमएसपी पर फसलों की खरीद रहेगी जारी – डिप्टी सीएम