राज्य सरकार भले ही धान की खरीद की बात कह रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत दावों के विपरीत है. अंबाला की मंडी में खुले आसमान के नीचे फसल पड़ी है और खरीदार लापता हैं. अंबाला. किसानों के खून पसीने की मेहनत मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी है. ऐसे में राज्य सरकार भले ही धान की खरीद की बात कह रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावों के विपरीत है. अंबाला शहर और अंबाला छावनी की मंडियों में किसानों का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है. किसानों का आरोप है कि मंडी में अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई है. वहीं अधिकारी खरीद को लेकर विभिन्न एजेंसियों पर बात डालते नजर आए. किसानों द्वारा दो दिन पहले धान की खरीद न होने को लेकर अनाज मंडी अंबाला में धरना-प्रदर्शन किया गया था. जिसके बाद सरकार ने दावा किया था कि धान की खरीद शुरू हो चुकी है. लेकिन अंबाला की अनाज मंडी में धान की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी है और अभी तक उसकी खरीद शुरू नहीं हो सकी है. अपनी फसल बेचने आए किसानों ने बताया कि पिछले कई दिनों के उनकी फसल मंडी में पड़ी खराब हो रही है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. अंबाला सिटी मार्केट कमेटी के अधिकारी ने बताया कि फसल की खरीद एजेंसी द्वारा की जाती है और अभी धान की फसल की खरीद शुरू नहीं हुई है. जब भी कोई एजेंसी फसल की खरीद के लिए आएगी, उनकी तरफ से काम शुरू कर दिया जाएगा. खरीद को नहीं आ रहा कोई अधिकारी किसानों ने बताया कि वे अपनी पेड़ी लेकर अंबाला छावनी की अनाज मंडी में बैठे सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पिछले 9 दिनों से कोई भी अधिकारी पेड़ी की खरीद करने नहीं आया है. किसानों का कहना है कि सरकार उन से झूठे वादे करती है. उनकी पेड़ी खरीदने के लिए कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं आ रहा है. किसानों का कहना है कि पेड़ी बेचने के लिए वह पिछले 9 दिनों से मंडी में बैठे हैं और मंडी में न ही पानी है और न ही चाय की कोई व्यवस्था. किसानों के बैठने के लिए भी यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है. एक किसान का कहना है कि पेड़ी बेचने के लिए इंतजार करते उनकी आंखें थक गई हैं और उन्हें बुखार तक आ गया है, लेकिन कोई पूछने नहीं आ रहा है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो कहीं उनकी मौत यहां न हो जाए. किसानों के दावे को गलत बताया मंडी के सचिव ने किसानों के दावों के उलट मंडी बोर्ड के सचिव राम कुमार का कहना है कि कल दोनों खरीद एजेंसियों के अधिकारी मंडी आए थे. लेकिन न ही किसानों और न ही मंडी आढ़तियों ने पेड़ी बेची. क्योंकि वे अभी किसान आंदोलन में व्यस्त है. जल्द ही उनसे बात करके धान की खरीद शुरू की जाएगी. Post navigation अंबाला : अवैध ओवरलोडेड वाहनों पर शिंकजा कसने में जुटीं आईएएस अधिकारी प्रीति पर जानलेवा हमला राव आया-फसल का भाव आया, राव गया-फसल का भाव गया