कमलेश भारतीय

क्या भाजपा अपनी रणनीति में महाराष्ट्र में सरकार गिराने में सफल होने जा रही है ? यदि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणबीस और शिवसेना के राज्यसभा सांसद और सामना के संपादक संजय राउत की कल होटल रयात में हुई तीन घंटे लम्बी मुलाकात को इसका आधार माना जाये तो ? हालांकि इस मुलाकात की वजह।बहुत हास्यास्पद बताई जा रही है । संजय राउत इसलिए मिलने गये क्योंकि सामना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री का इंटरव्यू करना था । इंटरव्यू से पहले की बात है यह । है न कमाल । मुझे पत्रकारिता करते चार दशक बीत गये । अनेक छोटे से छोटे और बड़े से बड़े नेताओं के इंटरव्यू कभी किसी बड़े होटल में पहले मुलाकात कर नहीं किए । होटलों में किए लेकिन इस तरह नहीं । बसपा प्रमुख कांशीराम की इंटरव्यू चंडीगढ़ के यूपी गेस्ट हाउस में । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की टीवी हिसार व चंडीगढ़ के लिए इंटरव्यू हरियाणा निवास में । तो यह सिर्फ बहाना है । यह तय है ।

कंगना रानौत को आगे कर भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार को घेरने की साजिश रची । खूब बोलने दिया गया । पूरे डायलाॅग दिये गये बाला साहब ठाकरे तक के । घमंड टूटने तक के । फिर ड्रग माफिया की चर्चा ऐसी उठाई कि एनसीबी ने मुम्बई में डेरा ही लगा लिया । ऐसी सितारों की परेड शुरू की कि तौबा तौबा कर उठे । सुशांत मर्डर केस तो कहीं पीछे चला गया । यह वकील विकास सिंह और सुशांत सिंह राजपूत की बहनों का कहना भी है । उन्हें भी अब सीबीआई के काम काज पर भरोसा नहीं रहा । धैर्य जवाब देने लगा है । सीबीआई शांत तो एनसीबी झंडे गाड़ रही है । कल भी तीन तीन हीरोइन की परेड एनसीबी दफ्तर में हुई । दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर । मुझे दलेर मेहंदी के पंजाब के पटियाला की जेल के दिन याद आ रहे हैं जब कबूतरबाजी में फंसाया गया था दलेर को । साथ साथ यह खबरें भी आने लगी थीं कि पूछताछ के दौरान दलेर से गाने सुनाने की फ़रमाइश भी की जा रही है । शुक्र है कि एनसीबी ने किसी डांस नम्बर की मांग इन हीरोइन्ज से नहीं की । रिया चक्रवर्ती तो आरोप लगा रही है कि मुझसे साइन ऐसे ही डरा कर करवा लिये । पर इन हीरोइन्ज को पूरा समय दिया गया और जो वकीलों ने समझाया था वही बोली यानी चैट तो की लेकिन ड्रग नहीं लिया । फिर मंगवाया किसके लिए था ? रिया तो सुशांत के लिए मंगवाती थी तो क्या दीपिका या सारा या श्रद्धा भी किसी के लिए मंगवाती थीं ? सुशांत के वकील का कहना है कि सुशांत तो अब है नहीं , वह तो आकर कह नहीं सकता कि ड्रग लेता था या नहीं लेकिन उसे बदनाम किया जा रहा है । रिया चोरी चोरी चुपके चुपके उसे ड्रग देती थी और वीडियो बना कर ब्लैकमेल करती रही । इसके बावजूद सारी फिल्मी दुनिया तो इस गटर गंगा में नहीं फंसी थी ।

खैर । बड़ी बात यह कि आखिर शिवसेना दवाब में आ गयी । सोनिया गांधी या शरद पवार ने भी साथ नहीं दिया बल्कि शरद पवार ने कंगना का ऑफिस गिराने को सही कदम नहीं माना । जल्दबाजी का कदम माना । इस तरह शिवसेना अकेली पड़ गयी और पुराने पार्टनर की याद सताई । बीएमसी भी संकट में है । कंगना ने दो करोड़ रुपये हर्जाना मांगा है । यह कदम भी उलटा पड़ा । इस तरह शिवसेना आत्म-मंथन में भाजपा की ओर जाने का विचार करने लगी । अब आने वाले दिन बतायेंगे कि रणनीति सफल रही या नहीं ।

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