हांसी 22 सितम्बर I मनमोहन शर्मा  

उपमण्डल विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षा एवं अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिविजन)  श्रीमती निशा के दिशानिर्देश पर स्पेशल लीगल लिट्रेसी कैम्प गांव ढाणा खुर्द में आयोजित किया गया । इस कैम्प की अध्यक्षता अधिवक्ता गुलशन बागोरिया ने की। बागोरिया ने उपस्थित व्यक्तियों को वरिष्ठï नागरिक अधिनियम, बच्चों के अधिकार, मानव अधिकार, मानव कर्तव्य व कोरोना से बचाव के बारे में बताया। 

अधिवक्ता बागोरिया ने उपस्थित व्यक्तियों को वरिष्ठï नागरिक अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया कि वरिष्ठï नागरिकों के बहुत से अधिकार अधिनियम में दिये हुए हैं जिसके अन्तर्गत जो लोग 60 साल से अधिक है वह वरिष्ठï नागरिक कहलाते हैं। कई बार हमें व समाज में यह देखने को मिलता है कि बहुत से लोग अपने माता-पिता जो वरिष्ठï नागरिक की कैटेगरी में आते हैं उनको बहुत सी यातनाएं, मार पिटाई करते हैं वह उनकी अच्छी तरह से खाना पीना व देखभाल नहीं करते हैं। वरिष्ठï नागरिकों के संरक्षण के लिए ही सीनियर सिटिजन एक्ट 2007 बनाया गय है जिसके अन्तर्गत वरिष्ठï नागरिकों को बहुत से अधिकार मिलते हैं जैसे धारा 80 डी टैक्स, इन्कम टैक्स रिटर्न में, रेल बस किराया आदि में छूट मिलती है वह इसके अलाव इस अधिनियम में यदि कोई व्यक्ति अपने बुजुर्ग माता पिता का भरण पोषण नहीं करता  है तो धारा 24 के अंतर्गत उस व्यक्ति को छ: महीने तक की जेल व दस हजार रूपये जुर्माना हो सकता है। 

   अधिवक्ता बागोरिया ने बच्चों के अधिकारों के बारे में बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को व्यापारिक कार्य नहीं करवा सकते व बाल संरक्षण के अंतर्गत पोक्सो एक्ट 2012 के बारे में बताया कि जो बच्चा 18 वर्ष से कम आयु का है वह इस अधिनियम के अंतर्गत आता है यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ शारीरिक छेडख़ानी व शोषण करता है तो इस अधिनियम की धारा 7-8 के अंतर्गत दोष सिद्व होने पर आरोपी को पांच से सात साल की सजा व जुर्माना भी हो सकता है। मानव संरक्षण अधिनियम 1993 में भी मानव के संरक्षण के लिए कुछ अधिकार दिये गए हैं जिनमें जीने का, आजादी, बराबरी, सम्मान, गरिमामयी जीवन, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक अधिकार शामिल हैं इसके अंतर्गत मानव अधिकार आयोग का गठन भी किया गया है जो मानव अधिकारों की सुरक्षा करता है व कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दुरी व मास्क का उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर अधिवक्ता रामेश्वर दत्त, रामकुमार, ध्यान सिंह, रामभगत, जगदीश, राजेन्द्र, पूनम वर्मा, गुड्डïी देवी, बाला देवी, संतोष, निहाली, संतरा आदि उपस्थित थी।