भिवानी/शशी कौशिक

 प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि किसान हित में आए गए तीन अध्यादेशों से किसानों की खुशहाली व उन्नति के नए द्वार खुलेंगे। तीनों अध्यादेशों की हर तरफ सराहना हो रही है, जो विपक्ष को यह हजम नहीं हो रहा है। प्रदेश का जागरूक किसान विपक्ष की बातों में आने वाला नहीं है। अध्यादेशों के समर्थन व इनको शीघ्र लागू किए जाने को लेकर प्रगतिशील किसानों द्वारा किए गए प्रदर्शन ने अपनी सहमति की मुहर लगाने का काम किया है।

कृषि मंत्री दलाल ने एक बयान में कहा है कि पूर्व की सरकारों ने किसानों की आंखों में सिफ और सिर्फ केवल धूल झोंकने का काम किया है और किसानों को बरगलाकर उनके वोट हासिल किए हैं, जबकि किसानों की वास्तविक हितैषी भाजपा सरकार है। उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेश लागू होने पर प्रदेश का किसान और अधिक खुशहाल व उन्नत होगा। किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकेगा। किसान पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होगी। विपक्ष किसानों को बहकाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकार समय-समय पर किसानों के हित की नीतियां व योजनाएं लागू कर रहीं हैं, यह सब विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा है कि अध्यादेशों में किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और किसी भी प्रकार से एमएसपी कम नहीं होगा। अब वन नेशन वन मार्केट की तर्ज पर किसानों को अपनी ऊपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आजादी होगी। इससे कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा। किसानों को अपना उत्पाद मंडी तक ले जाने की बाध्यता नहीं होगी।

आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा। इसी प्रकार से केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को भी स्वीकृति दे दी है। यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा।

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