एक दिन पहले ही रविवार को विनय प्रताप सिंह पहुंचे थे हेली मंडी. पालिका प्रशासन के द्वारा अनेक पार्षदों को रखा गया था अंधेरे में. असंतुष्ट पार्षदों ने नगर निगम आयुक्त से सोमवार को की मुलाकात. घोटालों का चिट्ठा सौंपकर पार्षदों ने की तत्काल जांच की मांग फतह सिंह उजालापटौदी । एक दिन पहले ही रविवार को नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह हेली मंडी पहुंचे थे । उनके आगमन को लेकर हेली मंडी पालिका प्रशासन और कथित रूप से पालिका चेयरमैन द्वारा असंतुष्ट पार्षदों से पूरी करें अंधेरे में रखा गया । यहां तक की नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के आगमन की समय पूर्व सूचना मिलने के बावजूद भी मीडिया को भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा गया । नगर निगम आयुक्त के हेली मंडी पहुंचने और गुपचुप तरीके से उनको पालिका प्रशासन सहित कथित रूप से पालिका चेयरमैन द्वारा अपनी मर्जी के निर्माणाधीन साइट और विकास कार्यों का दौरा और मुआयना करवाया जाने को लेकर असंतुष्ट पार्षदों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोप लगाए कि नगर निगम आयुक्त को भी हेली मंडी आगमन पर पूरी तरह से गुमराह करते हुए अंधेरे में रखा गया । सोमवार को हेली मंडी नगरपालिका के असंतुष्ट पार्षद राजीव सिंह, विकास यादव, श्रीमती मंजू चैहान, श्रीमती सुदेश, रिंकू ,श्रीमती बबीता बाई , मदन लाल अग्रवाल, श्रीमती मौसम डागर व अन्य के हस्ताक्षरित, जिनके द्वारा जनवरी 2020 से लेकर 31 अगस्त 2020 तक हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में करवाए गए और करवाए जा रहे विकास कार्यों की विजिलेंस जांच की मांग के लिए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज जिला उपायुक्त नगर निगम आयुक्त और पटौदी के एसडीएम को भी ज्ञापन सहित शिकायत सौंपी गई थी। उसी शिकायत अथवा ज्ञापन की प्रतियां असंतुष्ट पार्षदों और उनके प्रतिनिधियों के द्वारा नगर निगम आयुक्त से सोमवार को विशेष रूप से मुलाकात कर सौंपते हुए तत्काल जांच करवाए जाने की मांग की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने जांच का जिम्मा अतिरिक्त उपायुक्त गुरुग्राम को सौंप दिया और इसकी 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट भी तलब करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां अब यह बात कहने में कतई भी गुरेज नहीं की पलक झपकते ही बाजी पलट गई है और हेली मंडी नगरपालिका सचिव संजय रोहिल्ला , हेली मंडी नगर पालिका चेयरमैन सुरेश यादव के द्वारा कथित रूप से रविवार को नगर निगम आयुक्त को ऐसे साइट, निर्माणाधीन परियोजना और विकास कार्यों का मुआयना करवाया गया जोकि योजनाबद्ध तरीके से सूचना मिलते ही पहले से प्लान बना लिया गया था। इस पूरे मामले में महिला पार्षदों के द्वारा भी रोष जाहिर किया जा चुका है कि नगर निगम आयुक्त जोकि हेली मंडी नगरपालिका के अब मुख्य प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी को संभाले हुए हैं। ऐसे में महिला पार्षदों को भी क्यों और किन कारणों से हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा अनदेखी की गई। बरहाल नगर निगम आयुक्त के द्वारा जो तत्परता दिखाई गई है, उसे देखते हुए यह बात कहने में कतई भी संकोच नहीं की हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों में कथित अनियमितता और कथित मनमानी करने वाले नगर पालिका हेली मंडी के जिम्मेदार और जवाब दें अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना तय है । अब देखना यह है कि जब मुश्किलें बढ़ेंगी तो किस राजनीतिक आका अथवा प्रशासनिक स्तर पर जुगाड़ बाजी करके बचाव का रास्ता निकालने के प्रयास किए जाएंगे। Post navigation पहले अशोका द ग्रेट और आज पीएम मोदी इज द ग्रेट: एमएलए जरावता भ्रष्टाचार और काम में देरी बर्दास्त नहीं : एमएलए जरावता