-कमलेश भारतीय

शुक्र है आईपीएल आज से शुरू होने जा रहा है । फिल्मी दुनिया का ग्लैमर अब क्रिकेट के बुखार में बदलने वाला है । धोनी के हेलीकाॅप्टर शाट और विराट के चौके सबकी बातें होने लगेंगी । जब धोनी मैच जीता देगा तब सबको उसकी रिटायरमेंट का अफसोस और ज्यादा होगा । पर जमाने ने मारे जवां कैसे कैसे ,,,,

रिया चक्रवर्ती पर बहुत दिन मीडिया का फोकस रहा । उसका घर जैसे कोई पवित्र स्थल बन गया था मीडिया वालों के लिए । सुबह सवेरे रिया के घर माथा टेकने पहुंच जाते सब टीवी चैनल के रिपोर्टर्ज । फिर बात बढ़ी और बढ़ती गयी और रकुल प्रीत, सारा अली खान और खंबाटा डिजायनर तक पहुंच गयी । रकुल प्रीत ने तो कोर्ट की ओर दौड़ लगाई कि इस तरह बिना कुछ साबित हुए कैसे मेरे नाम की माला फेरी जा रही है ? अब तो मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे एक वीडियो को सीबीआई को उपलब्ध करवा कर करण जौहर , अर्जुन कपूर , दीपिका पादुकोण हो नहीं रणबीर कपूर और विक्की कौशल तक पहुंचा दिया है । यह वीडियो करण जौहर की पार्टी का है तो कंगना कुछ गलत तो नहीं कह रही । जया भी और जया प्रदा भी कूदीं । जया प्रदा को अपनी कहानी याद आई कि तब क्यों नहीं बोलीं गुड्डी? जब आजम खान मेरा चरित्र हनन कर रहे थे ? तब क्यों नहीं बोलीं जब अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निकाला गया था ? तब किस थाली में छेद किया था और किसने किया था ? यह थाली भी कमाल हो गयी फिल्मी दुनिया में । हर कोई कहने लगा कि मेरी अपनी थाली है और बच्चन परिवार का बस चलता तो सारी थालियां अपने बच्चों को दे देते । कोई लिहाज नहीं । सीधे बच्चों पर आ गये । श्वेता बच्चन के चर्चे होने लगे । बात कहां से शुरू हुई और कहां तक पहुंची । सुशांत तो बेचारा सिर धुन रहा है और उसकी आत्मा रो रही है ।

इधर मुश्किल से किसान पर चर्चा शुरू हुई । पिपली में लाठीचार्ज क्या हुआ हरियाणा सरकार की जान नए बन आई । अब कांग्रेस विधायक दल चंडीगढ़ में राज्यपाल से मिल कर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर आए हैं तो भाकियू के अध्यक्ष चढूनी जजपा पर बरस रहे हैं । अभय चौटाला की डफली अलग बजती है । किसान के नाम पर हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा देकर शहीद होने का उदाहरण दिया और इधर हरियाणा में लोग दुष्यंत की ओर देखने लगे हैं । अलग राजनीति है दोनों राज्यों की । फिर ऐसी मांग ? मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला के बीच मंत्रणा हुई । ओम प्रकाश धनखड़ अलग चिंता जता रहे हैं । वैसे सारे देश में चिंता शुरू हो गयी अन्नदाता के बारे में । धरने प्रदर्शन तक नौबत आ गयी । ये तीन अध्यादेश तीन तलाक ही न साबित हो जायें कहीं ,,,,

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