चण्डीगढ़, 15 सितम्बर- हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए लाए गए तीन अध्यादेशों से किसान या आढ़ती का किसी तरह का अहित नहीं होगा बल्कि इनसे किसानों को अपनी फसल बेचने के और अधिक विकल्प मिलेंगे। इन अध्यादेशों में एमएसपी के कानून से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। एमएसपी की व्यवस्था ज्यों की त्यों लागू रहेगी। सरकारी खरीद पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकारी खरीद मण्डियों में पहले की तरह ही होगी। मूलचन्द शर्मा ने कहा कि विपक्ष इन अध्यादेशों के बारे में तरह-तरह की भ्रान्तियां फैलाकर किसानों और आढ़तियों को गुमराह करने का ओछा प्रयास कर रहा है। विपक्ष के पास जब भी मुद्दों का अभाव होता है और उसका राजनीतिक अस्तित्व खतरे में पड़ता है तो वह इसे बचाने के लिए किसान का सहारा लेता है। इसलिए, आज किसान भाइयों और आढ़तियों को विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे इस भ्रमजाल से बचने की आवश्यकता है। परिवहन मंत्री ने कहा कि इन अध्यादेशों से न तो किसानों के लिए बनी मंडी व्यवस्था को किसी तरह का नुकसान होगा और न ही जमाखोरी बढ़ेगी। इस व्यवस्था पर सरकार का पूरा नियंत्रण रहेगा और ऐसी किसी भी वस्तु की जमाखोरी नहीं करने दी जाएगी, जिसकी बाजार में कमी हो गई होगी। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके पूरे भण्डारण को सरकार अपने अधिकार में ले सकती है।

मूलचन्द शर्मा ने कहा कि इन अध्यादेशों के बारे में  एक और भ्रम फैलाया जा रहा है कि इसे एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कम्पनियां अपने मनमाने रेट पर किसान की फसल खरीदेंगी। यहां यह बताना जरूरी है कि इन अध्यादेशों में कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं है कि किसान की फसल एमएसपी पर नहीं बिकेगी। किसान चाहे तो मंडी में जाकर एमएसपी पर अपनी फसल को बेच सकता है। परन्तु यादि उसे मंडी से बाहर एमएसपी से अधिक मूल्य मिल रहा है तो वह अपनी फसल वहां भी बेच सकता है। गौर करने वाली बात है कि इन अध्यादेशों से किसान को और अधिक विकल्प मिलेंगे और वह अपनी फसल को अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकता है।

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