धर्मपाल वर्मा

गोहाना. कोरोनावायरस संक्रमण की वजह कहो या फिर चुनाव का आगे सरक जाना, इस समय बरोदा विधानसभा क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों की पॉलिटिकल एक्सरसाइज मंद पड़ गई है ।सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बहुत से पार्टीकार्यकर्ता भी आइसोलेट होने को मजबूर हो गए हैं ।यहां सरकार समर्थक निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने पिछले दिनों खाप पंचायत के नाम पर कुछ सामाजिक कार्यक्रम जरूर किए हैं वरना जुलाई से सक्रिय भारतीय जनता पार्टी के लोग आज चुनाव प्रचार में कहीं नजर नहीं रहे । कांग्रेस के चुनाव प्रचार की बागडोर संभाल रहे सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां कांग्रेस का प्रचार भी शुन्य सा होकर रह गया है ।

बरोदा उप चुनाव लड़ने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी के लोग कहीं नजर नहीं आ रहे हैं । भाजपा के सहयोगी दल जेजेपी के लिए दुष्यंत चौटाला तो आ ही नहीं रहे थे अब न अजय चौटाला नजर आते न दिग्विजय चौटाला ।

एक बात जरूर है कि जिस तरह कोरोनावायरस के पीक दौर में मंडियों में कृषि उपज की बिक्री और बेकद्री का नाम लेकर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला अकेले ही जनसंपर्क और मंडी भ्रमण में लगे हुए थे । ऐसे ही उन्होंने बरोदा मे बिना किसी लाग लपेट के शानदार कार्यक्रम आयोजित कर विरोधियों की नींद उड़ा दी है । लोग कहते हैं कि अभय सिंह की बरोदा की पॉलिटिकल एक्सरसाइज ने जननायक जनता पार्टी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है । अभय सिंह चौटाला ने बड़े आक्रामक तरीके से काम कर कई चरणों में इस तरह से कार्यक्रम आयोजित किए बेकि वे खुद और इंडियन नेशनल लोकदल फिर से चर्चा में आ गए है । हलके के गांव जागसी में रात को हुआ शानदार कार्यक्रम ऐसा था कि इस में 5000 लोगों की हाजिरी का दावा किया गया.

श्री चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी को इकट्ठे लपेटा और इन्हें किसानों का एक नंबर का दुश्मन बता दिया ।उन्होंने जननायक जनता पार्टी को तो जय चंदो की जनता पार्टी की संज्ञा देते हुए यहां तक कह दिया इस चुनाव को जिता दो ,देखना फिर 3 जयचंद रह जाएंगे । शायद उनका संकेत अजय सिंह, दुष्यंत और दिग्विजय की ओर रहा होगा ।

अभय सिंह ने कई चरणों मैं लगभग आधे हलके के गांव कवर कर दिए हैं और कोरोनावायरस की परवाह किए बिना फिर बरोदा में सक्रिय नजर आ सकते हैं ।यहां एक बात साफ नजर आने लगी है कि अच्छे रिस्पांस के बाद इनेलो के कार्यकर्ता नेता और टिकट के चाह वान लोग पूरे हौसलें में नजर आने लगे हैं ।लोग अब इस बात को की चर्चा करते देखे जा सकते हैं कि बरोदा उपचुनाव में जहां जेजेपी डाउन जाएगी वही इंडियन नेशनल लोकदल अपना जनाधार दिखाने और बढ़ाने में सफल रहेगा । यह अलग बात है कि इस पार्टी की परफॉर्मेंस कांग्रेस के वोट बैंक को प्रभावित करेगी । हल्के में राजनीतिक प्रचार की रौनक 20 सितंबर के बाद नजर आ सकती है

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