चंडीगढ़, 10 सितंबर 2020, सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा से सम्बंधित कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ हरियाणा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कंप्यूटर कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है । संघ के राज्य संयोजक नैब सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा सरकार राजस्व विभाग के अधीन डिट्स ( जिला सूचना प्रद्योगिकी सोसाइटी) के माध्यम से दी जाने वाली तमाम ऑनलाइन सेवाओं का श्रेयः तो ले रही है परन्तु डिट्स में लगभग 15-16 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर कर्मचारियों की मांगों को लेकर बिल्कुल भी सरकार गम्भीर नही है ।

डिट्स में कार्यरत कंप्यूटर कर्मचारी लम्बे समय से मांग करते आ रहे है कि जिला सूचना प्रद्योगिकी जो स्वंयवित्तीय सोसायटी है जिसका गठन प्रदेश सरकार द्वारा जनता को पारदर्शिता के साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए किया गया था, उसका केंद्रीयकरण किया जाये और तमाम कंप्यूटर कर्मचारियों को सूचना प्रद्योगिकी के पे-रोल पर लेते हुये तकनीकी वेतनमान देकर रोजगार सुरक्षा प्रदान की जाये । क्योंकि आज डिट्स में काम करने वाले कंप्यूटर कर्मचारी उम्र के उस पड़ाव पर जँहा लगभग 60 प्रतिशत कर्मचारियों किसी भी नोकरी के लिए आवेदन करने की उम्र को भी पार कर चुके है और नोकरी जाने का खतरा हमेशा ही बना रहता है । दूसरी तरफ सरकार ने डिट्स को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाकर इस स्वंयवित्तीय सोसायटी को आर्थिक संकट का शिकार होने के लिए छोड़ दिया है ।

डिट्स के फण्ड से अब तक प्रदेश के पांच जिलों से लगभग 10 करोड़ रुपये वस्तु एवं सेवा कर के रूप में वसूले जा चुके है जो सरासर ग़लत है, क्योंकि डिट्स सरल केंद्र के माध्यम से 39 विभागों की लगभग 540 तरह की सेवाएं जनता को उपलब्ध करवाई जा रही है और ये सभी जनसेवाये वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में नही आती और ये सेवायें कर रहित सेवाये है ।

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