भिवानी : जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में एलओसी पर शहीद हुए गनर भूपेंद्र चौहान को बुधवार को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान पूरा क्षेत्र वन्दे मातरम, शहीद भूपेंद्र अमर रहें और भारत माता की जय के नारों से गुंज उठा। हर किसी की आंख नम थीं तो देश के लिए जान कुर्बान करने का गर्व भी। प्रशासनिक अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि एवं सैंकड़ों ग्रामीणों ने अपने लाडले को श्रद्धांजलि दी। सात महीने के बेटे पुनीत ने शहीद पिता को हाथ जोड़कन नमन किया। पत्नी और पिता ने भी शहीद को सैल्यूट करके अंतिम विदाई दी।

चरखी दादरी जिले की सीमा से शहीद के पैतृक गांव बास (रानीला) तक करीब 10 किलोमीटर की यात्रा में जन समूह ने जगह-जगह पर सड़क के दोनों ओर खड़े होकर भूपेंद्र चौहान को श्रद्धाजंलि दी। तिरंगा यात्रा के दौरान भारत मां और शहीद भूपेंद्र अमर रहे के नारे लगाए जाते रहे।

शहीद भूपेंद्र चौहान शनिवार की अल सुबह बारामूला के हरदोई क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से सीज फायर का उल्लंघन करने के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए। बुधवार को आर्मी द्वारा उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से गांव बास लाया गया। यहां पूरे राजकीय सम्मान सेे उनकी अंत्येष्टि की गई। शहीद के छोटे भाई दीपक ने शहीद जवान को नम आंखों से मुखाग्नि दी। शहीद भूपेंद्र चौहान के दादा व ताऊ भी सेना में रहे हैं। भूपेंद्र ने तीसरी पीढ़ी में देश सेवा की है और गांव का पहला जवान है जो देश रक्षा करते हुए शहीद हुआ है।

शहीद के पिता मलखान सिंह इस दौरान अपने बेटे के खोने के गम में टूट गए हैं। उन्होंने कहा-  बेटे की शहादत ने आज हमारा सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। शहीद भूपेंद्र सिंह के छोटे भाई दीपक को भी अपने भाई की शहादत पर गर्व है। वह बीएससी अंतिम वर्ष का छात्र है और सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है। दीपक ने बताया कि भाई की शहादत के बाद उसने सेना में भर्ती होने की ठान ली है। वह बड़े भाई और पिता के सपने को जरूर पूरा करेगा।

इस मौके पर पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने बताया कि भूपेंद्र जैसे सैनिकों की बदौलत ही आज हमारा देश सुरक्षित है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहीद भूपेंद्र की याद में उनके पैतृक गांव में एक स्मारक् बनाया जाना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी शहीद भूपेंद्र के बलिदान काे याद रख सके। साथ ही उन्होंने मांग की है कि शहीद भूपेंद्र के भाई या पत्नी को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।

सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने जवानों के लिए हर तरह की मदद के रास्ते खोल रखे हैं। वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि शहीद की याद में उनके गांव में एक खेल स्टेडियम या अन्य सार्वजनिक स्थल बनाया जाना चाहिए, ताकि शहीद के बलिदान को याद रखा जा सकें।

शहीद की अंतिम यात्रा में सांसद धर्मबीर सिंह, विधायक सोमबीर सांगवान, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, डीसी शिव प्रसाद शर्मा व एसपी बलवान राणा सहित अनेक राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के साथ-साथ हजारों ग्रामीण मौजूद रहे।

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