धान व बाजरे की ख़रीद शुरू होते ही खुल जायेगी झूठ बोलने वालों के ढोल की पोल : धनखड़

पहले की तरह एक एक दाने की होगी ख़रीद , नही खत्म होगी मंडी व्यवस्था : धनखड़. किसी न नही छेड़ा एमएसपी कानून को, ज्यों का त्यों लागू रहेगी एमएसपी व्यवस्था-धनखड़. “मेरे भोले किसान बाजार को पहचान और फसल बेचना सीख ले” : धनखड़. ये तीनों अध्यादेश खुले बाज़ार में किसान की सुरक्षा के लिये -धनखड़

चंडीगढ़, 5 सितम्बर 2020, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा में फसल पककर लगभग तैयार होने को है, धान, बाजरा की फसलों की पहले की तरह खरीद होगी और इस खरीद के साथ ही किसानों को बरगलाने वाले कुछ लोगों के ढोल की पोल खुल जाएगी l

गौरतलब है कि जून महीने में केद्र सरकार द्वारा तीन अध्यादेश लाए गए जिससे देश में किसानों की आर्थिक दशा में कुछ सुधार आ सके, परन्तु विपक्ष और कुछ किसान संगठनों ने इन आध्यादेशों का विरोध यह कहकर करना शुरू कर दिया कि ये तीनों अध्यादेश किसान विरोधी है और यह मंडियों को ख़त्म करने का षड्यंत्र है l हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने शनिवार को इन तीनों अध्यादेशों और अन्य बातों पर खुलकर चर्चा करते हुए इसे केवल विपक्ष द्वारा नियोजित भ्रामक प्रचार बताया l

धनखड़ ने कहा कि ये तीनों अध्यादेश किसानों की आर्थिक आजादी की शुरुआत है l पहले किसानों के पास केवल एक ही पैटर्न था अपनी फसल को बेचने के लिए, किसान की फसल का दाम व्यापारी तय करता था पर अब मोदी सरकार ने देश के किसान को आजादी दी है कि वो अपनी फसल का दाम खुद तय करें उन्होंने कहा कि किसान के लिए एक देश एक मार्किट के माध्यम से फसल को बेचने के बहुत सारे रास्ते मोदी सरकार ने खोल दिए है l अब किसान के पास एक बजाय चार विकल्प है चाहे

खुद बेच ले अपणी फसल, चाहे तो किसानों का समूह बणा के बेच ले या व्यापारियों को कंट्रेट करके बेच ले यामंडी में एम एस पी पर सरकारी ख़रीद में बेच ले । एक से ज़्यादा विकल्प और आर्थिक आज़ादी ।

उन्होंने कहा कि किसी नै नहीं छेड़ा एमएसपी के क़ानून को – ज्यों का त्यों लागू रहेगी एमएसपी की व्यवस्था,ज्यों की जारी रहेगी सरकारी ख़रीद और मंडीयों में ही होगी सरकारी ख़रीद ।

एक सवाल के जवाब में धनखड़ ने कहा कि स्वामीनाथन ने तो खुद कहा था कि किसानों को डायरेक्ट मार्केटिंग का अधिकार मिलना चाहिए जो कि हमारी सरकार ने आज उन्हें दिया है किसान चाहे तो लोकल बेच ले दूसरे ज़िले में स्टेट में बेच ले या किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल पूरे देश में बेच ले। अब एक देश एक- एक बाज़ार किसान को जहां मिले ज़्यादा भाव वहीं बेचे

किसी भी जगह बेचने की आज़ादी सारा देश में बेचने की आज़ादी ।

जब रोहतक का गुलाब रेवड़ी वाले की रेवड़ी पूरे देश में बिक सकती है, जब गुडगाँव की मारुति पूरे देश में बिक सकती है तो हरियाणा के किसान की फसल पूरे देश में क्यों न बिके l उन्होंने कहा इन तीन अध्यादेशों से मंडियों के सिस्टम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा l मंडिया पहले की तरह ही काम करेंगी यह तो किसान की मर्जी पर निर्भर करेगा की उसको अपनी फसल कहाँ बेचनी है l मै तो कहता हूँ कि “हे मेरे भोले किसान बाजार को पहचान और फसल बेचना सीख ले” l
उन्होंने कहा कि

ये तीनों अध्यादेश खुले बाज़ार में किसान की सुरक्षा के लिये ।

धनखड़ ने कहा कि पंजाब ने जो तीनों अध्यादेशों के खिलाफ अपनी विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है वह पंजाब सरकार के लालच के कारण है l पंजाब के किसानों के हित के कारण नहीं । पंजाब सरकार अपने मार्किट फ़ीस के लालच को नहीं छोड़ पा रही जो की हरियाणा की मार्किट फ़ीस 1800 करोड़ से कुछ ज्यादा होगी l उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि के क्षेत्र में अग्रिणी राज्य होते हुए भी अपने किसानों के हितों की अनदेखी करता है l हरियाणा के मुकाबले किसानों को फसलों के कम दाम और कम मुआवजा उसका उदाहरण है, हरियाणा में गन्ने का रेट 340 रु प्रति किवंटल है पंजाब में 310, डिजास्टर मेनेजमेंट के लिए हरियाणा सरकार किसानों को देती है 12 हजार प्रति एकड़ और पंजाब 8 हजार ही देता है l

सरकार पर घोटालों के आरोप और बरोदा उपचुनाव पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि विपक्ष केवल आरोप लगाने का काम कर रहा है, अगर उनके अनुसार सुधारों को घोटाला कहते है तो क्या कहें l हरियाणा सरकार बड़ी ईमानदारी से अपने काम को कर रही है यह जनता जानती है l जो भी कोई छोटी मोटी घटना होती है उस पर सख्ती से एक्शन लेना भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए काम करना यह सरकार का काम है और वह हम कर रहे है l बरोदा उपचुनाव काग्रेस के लिए चुनौती और भाजपा के लिए अवसर है l आज बरोदा की जनता सरकार के साथ आकर विकास चाहती है l

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