चण्डीगढ़, 29 अगस्त- हरियाणा के वन एवं पर्यटन मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा हरियाली को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से उनकी मर्जी से सरकारी खर्चे पर फलदार पौधे लगाएं जाएंगे। ऐसे में फल किसान के और पेड़ वन विभाग के होंगे यानी फलों की बिक्री करके किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे और जब पेड़ों पर फल आने बंद हो जाएंगे, तो वे वन विभाग की सम्पत्ति होंगे। इसके अलावा, सडक़ से 3 मीटर के दायरे में आने वाले पेड़ों में से भी आधे पेड़ किसान के जबकि आधे पेड़ वन विभाग के होंगे। इस प्रक्रिया में भी पेड़ छांटने में किसान की प्राथमिकता रहेगी। श्री कंवरपाल ने यह बात आज जिला करनाल के गांव मूसेपुर में वन विभाग द्वारा आयोजित 10 एकड़ पंचायती भूमि पर फलदार व औषधीय पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इस औषधीय फल उद्यान में आम, अमरूद, लीची, आड़ू, नीबू, बहेड़ा, आंवला, हरड़, जामुन व अन्य प्रजातियों के पौधे लगाएं जाएंगे। इससे पूर्व उन्होंने पंचायती भूमि पर बने औषधीय व फल उद्यान का उद्घाटन किया और कहा कि इससे पंचायत की आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि हरियाली धरती का श्रृंगार है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को साफ-सुथरा रखें और जितने भी पौधे लगाएं, उन सभी की देखभाल भी अच्छे तरीके से करें। इस अवसर पर उन्होंने पौधारोपण करके पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संदेश दिया। मंत्री ने स्वयं सहायता समूह ब्याना व संगोही के सदस्यों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। वन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पौधारोपण अभियान के पहले चरण में राज्य के सभी 22 जिलों से कुल 1100 गांव चिन्हित किए गए हैं। प्रत्येक जिले के 50 गांवों में पौधारोपण करने का सरकार का प्रयास है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य का वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र के 7 प्रतिशत के करीब है जबकि हरियाणा जैसे मैदानी राज्य का वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का 20 प्रतिशत होना चाहिए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करके हरियाली को बढ़ाना होगा और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इस कार्य में जनता के सहयोग की अपेक्षा है, क्योंकि सरकार का कोई भी कार्यक्रम या अभियान जनता के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकता। इस अवसर पर नीलोखेड़ी के विधायक श्री धर्मपाल गोंदर ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि ग्राम पंचायतों को पौधारोपण अभियान का हिस्सा बनाया जाए ताकि पंचायतों की जमीनों पर फलदार व औषधीय उद्यान बन सकें। इससे जहां हरियाली में बढ़ोतरी होगी, वहीं हमारी पंचायतों की आमदनी भी बढ़ेगी। कार्यक्रम में वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अमरिन्द्र कौर ने बताया कि इस प्रकार के पौधारोपण का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों की बंजर पड़ी भूमि के सुधार के साथ-साथ पर्यावरण को सुधारने व वायुमंडल में विचरण कर रहे पक्षियों के आश्रय स्थल एवं भोजन की व्यवस्था करना भी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में विभाग द्वार 1.25 करोड़ पौधे पूरे राज्य में रोपित किये जाएंगे। कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की सदस्य सत्य देवी ब्याना ने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व पर 17 गांवों में 2370 पौधे लगाए गए। वन विभाग द्वारा 43 गांवों में 148 समूह बनाए गए हैं, जिनमें करीब 1487 सदस्य कार्य कर रहे हैं। Post navigation मनोहर लाल ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती एवं राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बधाई दी सहकारी चीनी मिलों में अब गुड़ और शक्कर का भी उत्पादन होगा