सीएम के पुतले साथ पटौदी चैराहे तक प्रदर्शन. मांगे पूरी नहीं किए जाने तक जारी रहेगा आंदोलन. बोली आशा अब आर पार की हो चुकी है लड़ाई फतह सिंह उजाला पटौदी । अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक आशा वर्कर्स ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंक कर अपना रोष जाहिर किया । बुधवार को आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा संबंधित सीटू व सर्व कर्मचारी संघ सहित अन्य कर्मचारी संगठनों के द्वारा आशा वर्कर्स के आंदोलन और उनकी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई । पटौदी क्षेत्र की सभी आशा वर्कर के साथ-साथ सीटू के सदस्य, भवन निर्माण कामगार यूनियन के सदस्य व अन्य कर्मचारी संगठनों से जुड़े लोग पटौदी के नागरिक अस्पताल परिसर में उस स्थान पर एकत्रित हुए जहां बीते 7 अगस्त से आशा वर्कर के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है । यहां पहुंचे सीटू के जिला सह सचिव मेजर एस एल प्रजापति ने मौजूदा बीजेपी सरकार पर कर्मचारी विरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों को लेकर खूब खरी-खोटी सुनाई । उन्होंने कहा मौजूदा सरकार मजदूर, किसान, और गरीब वर्ग के लिए उनके हित के साथ हितकारी नीतियां सही प्रकार से लागू नहीं कर रही है । वही पहले से किए गए वायदों को भी सरकार के द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। सीटू के नेता ने कहा कि आशा वर्कर सही मायने में प्रदेश और देश में कोरोना योद्धा रही हैं , इन्हें नाममात्र का प्रतिमाह 4000 मेहनताना ही दिया जा रहा है । जोकि किसी भी लिहाज से जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने मांग की कि जो आशा वर्कर अपने लिए मेहनताना अथवा मानदेय की मांग कर रही हैं ,वह जायज है और अभिलंब सरकार को यह मांगे और अन्य जो भी मांगे हैं सभी जायज मांगों को तो पूरी कर देनी चाहिए । इसी मौके पर आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा से संबंधित जिला प्रधान मीरा और पटौदी की रानी ने भी अपनी मांगों को दोहराते सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स पटौदी के नागरिक अस्पताल से सीएम खट्टर का पुतला लेकर रवाना हुई और हेली मंडी पटौदी रोड, पटौदी लघु सचिवालय के सामने से होते हुए पटौदी के मुख्य चैराहे पर पहुंची और यहां पुतले को आग लगाने से पहले आशा वर्कर्स के द्वारा काफी समय तक अपनी मांगों के समर्थन में और सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई । इसके बाद पुतले को आग के हवाले करने के साथ-साथ आशा वर्कर्स ने साफ-साफ कहा कि अब उनका यह आंदोलन तभी समाप्त होगा जब सरकार मांगे पूरी कर देगी । वही आशा वर्कर्स यूनियन और सीटू नेताओं ने यह भी कहा कि अंतिम फैसला पंचकूला चंडीगढ़ में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के द्वारा होने वाली बातचीत के बाद किया जाएगा । लेकिन इतना तय है की जब तक आशा वर्कर्स के साथ-साथ अन्य संबंधित कर्मचारियों की लंबित मांगे सरकार नहीं मान लेती अथवा पूरा नहीं कर देती है आंदोलन इसी प्रकार से ही जारी रहेगा। Post navigation मंत्री, गब्बर की ऐसी अनदेखी आज तक कभी नहीं देखी ! शिक्षा विभाग के सफाई कर्मियों की समस्या का हो समाधान