ये एक अच्छे प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। आशा है की उम्मीदवारों को इससे राहत मिलेगी और वो समय पर सरकारी नौकरी पा सकेंगे। –—प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय, की स्थापना को मंजूरी दी है। प्रारंभ में, यह ग्रुप बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए स्क्रीन / शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों का आयोजन करेगा, जो अब कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और (आईबीपीएस) बैंकिंग कार्मिक संस्थान द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। बाद में, इसके अंतर्गत और परीक्षाएँ लाई जा सकती हैं।फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट में एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिए ऐसी एजेंसी की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के सचिव के रैंक के अध्यक्ष करेंगे। इसमें रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय / वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। यह केंद्र सरकार में विभिन्न भर्तियों के लिए एक सामान्य प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करेगा।सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) स्कोर के आधार पर एक उम्मीदवार संबंधित एजेंसी के साथ रिक्ति के लिए आवेदन कर सकता है। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट साल में दो बार आयोजित किया जाएगा। परीक्षा तीन स्तरों के लिए आयोजित की जाएगी: स्नातक, उच्च माध्यमिक (12 वीं पास) और मैट्रिक (10 वीं पास) उम्मीदवार।हालांकि, वर्तमान भर्ती एजेंसियां- आईबीपीएस, आरआरबी और एससीसी – यथावत रहेंगी।सीईटी स्कोर स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन परीक्षा के अलग-अलग विशेष टियर (II, III, आदि) के माध्यम से किया जाएगा जो संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित किया जाएगा।एक उम्मीदवार का सीईटी स्कोर परिणाम की घोषणा की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा। उम्मीदवारों के लिए इसे आसान बनाने के लिए, देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। जबकि CET में उपस्थित होने के लिए उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, यह ऊपरी आयु सीमा के अधीन होगा। परीक्षाएं 12 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी।एनआरए की आवश्यकता क्यों है? छात्रों और एजेंसियों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? अब तक, उम्मीदवारों को विभिन्न परीक्षाएं लेनी होती हैं जो केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाती हैं। उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों को शुल्क देना पड़ता है और विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए लंबी दूरी की यात्रा भी करनी पड़ती है केंद्र सरकार में हर साल औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार लगभग 1.25 लाख रिक्तियों के लिए उपस्थित होते हैं।ऐसे में ये एक अच्छे प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। आशा है की उम्मीदवारों को इससे राहत मिलेगी और वो समय पर सरकारी नौकरी पा सकेंगे। Post navigation सुशांत केस की सीबीआई जांच : जश्न नहीं राहत भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र ?