20 अगस्त 2020,  भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 76वीं जयंती पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अपने कार्यालय में पुष्पाजंली अर्पित करके अपनी भावभीनी श्रद्घाजंली दी। कपिल यादव, अजय कुमार, अमन कुमार, प्रदीप यादव व कुमारी वर्षा ने भी श्री राजीव गांधी को अपने श्रद्घासुमन अर्पित किए।                  

 इस अवसर पर विद्रोही ने कहा कि देश को 21वीं सदी के लायक बनाने वाले व सूचना प्रौद्योगिकी तथा कम्प्यूटर का प्रवेश भारत में करने वाले श्री राजीव गांधी ने अपने मात्र दस वर्ष के राजनैतिक कैरियर में देश को उस महान ऊचांईयों पर पहुंचाया, जितना लोग वर्र्षाे की मेहनत के बाद भी नही पहुंचा पाते है।  जब लोह महिला व जननेत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के बलिदान के बाद 31 अक्टूबर 1984 को श्री राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री पद का प्रभार संभाला, तब किसी ने सोचा भी नही था कि यह युवा नेता देश में कम्प्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी की ऐसी क्रांति लायेगा कि जिससे दुनिया में भारत का ना केवल महत्व बढ़ेगा अपितु 21वीं सदी भारत की होगी।                

 विद्रोही ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत के लोग सूचना प्रौद्योगिकी में छाये हुए है, इसका सारा श्रेय श्री राजीव गांधी को ही जाता है। कम्प्यूटर व मोबाईल का प्रयोग देश का आम आदमी करके जिस तरह पूरी दुनिया से अपने आपको आज जोड़े हुए है और अपना व देश का विकास कर रहे है, उसका श्रेय भी श्री राजीव गांधी को ही जाता है। जो लोग राजीव गांधी के देश को कम्प्यूटर युग में ले जाने के अभियान का उस समय मजाक उड़ाते थे, वे आज राजीव गांधी के किये गए भगीरथ प्रयासों का श्रेय खुद लेने की होड़ में लगे हुए है। मात्र 40 वर्ष की आयु में देश के प्रधानमंत्री के रूप में श्री राजीव गांधी ने अपने मात्र पांच वर्ष के कार्यकाल में इतना काम देश को आगे ले जाने का किया, जितना कोई 20 वर्षो तक देश का प्रधानमंत्री रहकर भी नही कर पाता।            

  विद्रोही ने कहा कि यह देश का दुर्भागय रहा है कि जब यह युवा नेता राजनीति में परिपक्व होकर देश को विश्व महाशक्ति बनाने की ओर ले जाना चाहता था, तब 21 मई 1991 को मात्र 47 वर्ष की आयु में लिट्टïे आंतकवादियों ने इस महान नायक को देश से छीन लिया। इतनी कम आयु में दुनिया के इतिहास में बिरले ही नेता हुए है, जिन्होंने श्री राजीव गांधी की तरह पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा व विचारों की छाप छोड़ी हो। देश की राजनीति में युवाओं को राजीव गांधी ने ना केवल विशेष भागीदारी दी अपितु उन्हे आज के भारत का नेतृत्व करने लायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई।              

विद्रोही ने कहा कि श्री राजीव गांधी देश के लिए जीये और देश की एकता एवं अंखडता के लिए ही बलिदान हो गए। आज उनकी जयंती पूरे देश में सामाजिक सदभावना दिवस के रूप में मनाई जा रही है। आज हमे उनके दिखाये रास्ते पर चलते हुए आतंकवाद, जातिवाद, भ्रष्टïाचार, साम्प्रदायिकता व अन्याय के खिलाफ लडऩे का संकल्प लेकर जीवनभर देश में सामाजिक सदभाव बनाये रखने के लिए काम करने की शपथ लेकर ही हमे श्री राजीव गांधी को श्रद्घाजंली अर्पित करनी चाहिए। 

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