-कमलेश भारतीय आखिर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गयी । सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे आदेश जारी किये हैं । सारा देश इस फैसले पर आंखें लगाई हुए था । टीवी चैनल्ज लगातार इस पर बहस चलाये हुए थे और एक ऐसा वातावरण बन गया था कि सीबीआई की जांच के बिना इस मामले में सुशांत के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा । धीरे धीरे सुशांत सिंह राजपूत का मामला भड़कता गया । जिस तरह से मुम्बई पुलिस ने उदासीन रवैया दिखाया उससे पुलिस संदेह के घेरे में आ गयी । सुशांत के परिवार को भी मुम्बई पुलिस पर से भरोसा उठ गया और उनके पिता ने बिहार की राजधानी पटना में एफआईआर दर्ज करवाई । मुम्बई पुलिस ने बिहार पुलिस को कोई सहयोग नहीं दिया बल्कि पुलिस को ऑटो में जांच के लिए जाना पड़ा । किसी से भी गंभीर रूप से छानबीन या पूछताछ नहीं की गयी । मामला टीवी चैनल्ज ने संभाला और यहां तक कि ताला खोलने के लिए बुलाये रफीक तक जा पहुंचे । बेशक वहां भी पुलिस का दबाब सामने आया और मजेदार बात कि एक ताला खोलने के लिए न केवल दो हजार रुपये दिये गये बल्कि अंदर तक नहीं जाने दिया और नीचे से भेज दिया गया । एक ताला खोलने की इतनी कीमत? कुछ तो राज है । फिर सुशांत का स्टाफ भी शक के दायरे में रहा जो रिया से निर्देश लेता रहा । पुराने स्टाफ की सुनवाई नहीं हुई । आखिर रिया ने सुशांत की बहन पर जिस तरह आरोप लगाये उससे उसकी बौखलाहट सामने आई । रिया बुरी तरह अपने ही जाल में फंसती चली गयी । कहां तो वह खुद मनुहार कर रही थी कि सुशांत मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाये और कहां यू टर्न लेकर जांच मुम्बई पुलिस को ही सौंपे जाने की याचिका दायर कर दी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया । अब रिया कहोगी नहीं -सत्यमेव जयते । सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई पुलिस को मामले के सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के आदेश दिये हैं । बिहार पुलिस को सही ठहराया और सरकार की मांग भी स्वीकार कर ली जबकि महाराष्ट्र को इस फैसले के खिलाफ याचिका करने से भी मना कर दिया । महाराष्ट्र पुलिस ने बिहार पुलिस के अधिकारी को कोरोना का बहाना बना कर अज्ञातवास में भेज दिया । यह भी एक षडयंत्र माना जा सकता है । महाराष्ट्र सरकार इसलिए इस मामले को खटाई में या ठंडे बस्ते में डालने को तत्पर थी क्योंकि मुख्यमंत्री के विधायक बेटे का नाम उछल रहा था । अंकित को भी धमकियां मिलने लगीं । कुछ लोग या कोई गैंग नहीं चाहता था कि सुशांत का मामला सुलझे । वे इसे दिशा की तरह दबाने चाहते थे । यदि सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला न देता तो एक सौ तीस करोड़ लोगों का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाता । बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने इसी जनता की और हिसार सरकार की जीत बताया है । उनहोंने न्यायपालिका में विश्वास जताया है और न्याय की उम्मीद की है । हालांकि लगभग साठ से ऊपर दिन बीत जाने के बीच सारे साक्ष्य यानी सबूतों को मिटाने की कोशिश की जाती रही । अब सीबीआई कैसे इन सबूतों को जुटायेगी ? यह बहुत बड़ी चुनौती होगी । पर सीबीआई को अपनी साख को बचाने और भरोसा जीतने की चुनौती है । जो भी है यह जनता की जीत है और अनुपम खेर ने जय हो ट्वीट कर दिया । अक्षय कुमार ने भी कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है । सुशांत की बहन व परिवार भी राहत की सांस ले रहा है कि कम से कम अब न्याय मिलने की राह खुल गयी है । रिया का जैसा चाल , चरित्र सामने आया उससे प्यार की बजाय साजिश ज्यादा नज़र आने लगा है । अब देखते हैं कि सुशांत के साथ दिशा को भी न्याय मिलने की आस बंध गयी है । Post navigation बरनाला में चल रही नकली पाईपों की फैक्ट्री पर दिल्ली के स्थानीय कमिश्नर ने की दबिश महिलाओं के लिए विवाह की आयु बढ़ाना सही रहेगा या नहीं