·         हरियाणा योग शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सांसद दीपेंद्र को सौंपा ज्ञापन

·         मौजूदा भाजपा सरकार की नीयत सबके सामने, कांग्रेस सरकार में एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया, अलग-अलग महकमों में लाखों सरकारी नौकरियां दी गयी थीं

·         भाजपा सरकार ने हरियाणा को विकास और खुशहाली की पटरी से उतार कर युवाओं को बेरोज़गारी के अंधकार में ढकेलने का काम किया

चंडीगढ़, 19 अगस्त। राज्य सभा सांसद एवं CWC सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से हरियाणा योग शिक्षक संघ के प्रधान रोहताश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि आज प्रदेश की भाजपा सरकार ने हरियाणा को विकास और खुशहाली की पटरी से उतार कर युवाओं को बेरोज़गारी के अंधकार में ढकेलने का काम किया है। हरियाणा की जो ग्रोथ होनी चाहिए थी, वो ध्वस्त हो गयी। न सरकारी क्षेत्र में रोजगार आया, न निजी क्षेत्र में निवेश हुआ। और तो और लोगों की लगी लगायी नौकरियां भी छीन ली। यही कारण है कि हरियाणा आज पूरे देश में बेरोजगारी में नंबर-1 प्रदेश बन गया है। उन्होंने सरकार से मांग करी कि योग शिक्षकों को वापस लिया जाए और उन्हें नियमित किया जाए।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो मौजूदा भाजपा सरकार की नीयत सबके सामने है। कांग्रेस की सरकार के समय 10 वर्ष में एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया। 10 साल में पूरे हरियाणा के अलग-अलग महकमों में लाखों सरकारी रोजगार दिया गया। इसके उलट भाजपा सरकार ने पीटीआई को निकालने का काम किया। ग्रुप-डी खेल कोटे के 1508 कर्मचारियों को निकालने की कार्रवाई चल रही है। कोरोना काल में डॉक्टरों को भी नौकरियों से निकाला गया। हरियाणा पर्यटन निगम के 424 कर्मचारियों को निकालने का काम किया। 83 असिस्टेंट प्रोफेसर को निकालने का काम हुआ। नगर निगम सोनीपत से फायरमैन, पशुपालन विभाग से 85 पशु परिचरों को निकाला गया।

योग शिक्षक हरियाणा के प्रधान रोहताश ने बताया कि हरियाणा सरकार ने खेल विभाग के जरिए अनुबंध आधार पर एक साल के लिए योग वालिंटियर्स की भर्ती की थी। एक वर्ष बाद उन्हें कहा गया कि उनकी सेवाएं आयुष विभाग में ली जायेंगी। लेकिन, नवम्बर 2019 के बाद से कहीं नियुक्ति नहीं दी गयी। पूरा साल बीतने को है, फिर भी न तो योगा वालिंटियर्स को आयुष विभाग में समायोजित किया जा रहा और न ही उनकी सेवाएं खेल विभाग में जारी रखी गई। ऐसे में ज्वाईनिंग न होने पर वे गहरी चिंता में हैं।

योग शिक्षकों का कहना है कि हर साल 21 जून को केवल एक दिन योग के प्रचार-विज्ञापन के नाम पर करोड़ों रुपये बहा दिए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता, प्रदेश सरकार एक दिन के प्रचार के बाद अपना पल्ला झाड़ लेती है। योग को सिर्फ विज्ञापनों में बढ़ावा दिया जा रहा है। जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है। योग शिक्षकों ने नियुक्ति की मांग को लेकर उच्च अधिकारियों एवं हरियाणा योग परिषद के चेयरमैन तक से गुहार लगायी लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका ये भी कहना था कि हरियाणा सरकार योग वालंटियर को नियुक्ति न देकर उनके साथ घोर अन्याय कर रही है। योग शिक्षक स्नातक, डिप्लोमा पीएचडी तक करके भी दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इस दौरान हरियाणा योग शिक्षक संघ के प्रधान रोहताश, कुलदीप आर्य, नरेश गौतम, प्रदीप, गुरमीत, जसमीर, सुनील, अमित सहित दर्जनों योग वालंटियर उपस्थित थे।

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