HARIYANA CHIEF MINISTER BHUPINDRA SINGH HOODA ADDRESING MEDIA AT HIS RESIDENCE IN NEW DELHI ON SUNDAY.PIC BY RAMAKANT KUSHWAHA.19 OCTOBER2014
कहा- अजीब सी हालत है तेरे आने के बाद, सुबह का दर्द शाम तक पुराना हो जाता है… शराब घोटाले में सिर्फ अफ़सरों पर न हो कार्रवाई, असली घोटालेबाज़ों का भी हो पर्दाफाश- हुड्डा

सरकार के घोटालों को उजागर करने के लिए प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी कांग्रेस- हुड्डा, घोटालों की वजह से खस्ता हुई प्रदेश की वित्तीय स्थिति, कर्मचारियों को वेतन देना भी हुआ दूभर- हुड्डा 1983 पीटीआई का रोज़गार बचाने के लिए विधानसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाएगी कांग्रेस- हुड्डा 3 नये कृषि अध्यादेशों में MSP का प्रावधान जोड़े सरकार, C2 फार्मूले के तहत मिले MSP- हुड्डा

11 अगस्तचंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार में ताबड़तोड़ घोटाले हो रहे हैं। शराब और रजिस्ट्री का घोटाला इतना बड़ा है कि लाख कोशिशों के बावजूद सरकार इसे दबा नहीं पाई। सरकार पूरे शराब घोटाले को अधिकारियों पर ढालने की कोशिश कर रही है जबकि, विपक्ष की मांग है कि असली घोटालेबाज़ों का पर्दाफाश होना चाहिए। ऐसे में ज़रूरी है कि इसकी जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज, CBI या JPC की तरह विधानसभा की कमेटी बनाकर करवाई जाए, जिसमें सभी दलों के विधायक शामिल हों।

रजिस्ट्री घोटाले का ज़िक्र करते हुए हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार में कई साल से अवैध कॉलोनियां बसाने का गोरखधंधा चल रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी 32 शहरों में करीब 30,000 रजिस्ट्रियों में धांधली के खेल का ख़ुलासा हुआ है। इतना ही नहीं, लॉकडाउन में सरसों और चावल ख़रीद में भी धांधली सामने आई है। जींद के बीजेपी विधायक ने तो ख़ुद माना है कि जींद में हर ईंट पर भ्रष्टाचार की मोहर लगी है। वहां 4 साल में बीजेपी नेता ने जमकर घोटाले किये। पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष ने शराब घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, सरसों चावल, धान खरीद, यमुना खनन, अरावली खनन, ओवरलोडिंग, रोडवेज किलोमीटर स्कीम, भर्ती, पेपर लीक,छात्रवृत्ति, राशन, फसल बीमा योजना समेत कई घोटालों की फेहरिस्त साझा की। तमाम घोटालों को लेकर सरकार पर शायराना अंदाज़ में तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक अजीब सी हालत है तेरे आने के बाद, सुबह का दर्द शाम तक पुराना हो जाता है। हर 15 दिन बाद एक घोटाला पुराना हो जाता है और नया घोटाला सामने आ जाता है। कांग्रेस इन घोटालों के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी और ज़रुरत पड़ी तो राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपेगी।

हुड्डा ने कहा कि घोटाले पर घोटाले करके मौजूदा सरकार ने प्रदेश के राजस्व को ख़ाली कर दिया है। प्रदेश पर कर्ज़ बढ़ता जा रहा है। सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है। अब उनको वेतन देना भी दूभर हो गया है। उन्हें जो वेतन 1 तारीख को मिलना चाहिए था, वो अब 20 तारीख़ तक मिलता है। सरकार ने जो करोड़ों रुपये घोटालों में उड़ाये हैं, अगर वो सरकारी खजाने में जाते तो उसका सीधा फ़ायदा आम जनता को होता।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार कर्मचारी और किसान विरोधी फ़ैसले ले रही है। इसी वजह से आज पक्के और कच्चे कर्मचारी आंदोलनरत हैं। आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, मिड-डे मील वर्कर और आगंनबाड़ी सुपरवाइज़र सड़कों पर हैं। सरकार रोज़गार देने की बजाए, रोज़गार छीनने में लगी है। पहले 1983 पीटीआई और अब खेल कोटे से ग्रुप-डी में भर्ती हुए 1500 कर्मचारियों को भी नौकरी से निकालने की तैयारी है। लेकिन, कांग्रेस कर्मचारियों के साथ खड़ी है और PTI की बहाली के लिए विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आएगी।

सरकार के 3 नये कृषि अध्यादेशों के बारे में हुड्डा ने कहा कि देशभर के किसान इसका विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इसमें कहीं भी MSP का ज़िक्र नहीं है। इससे सरकारी मंडियां और सरकारी ख़रीद तंत्र कमज़ोर होगा और सीधा लाभ पूंजीपतियों को होगा। अगर सरकार किसानों के हक़ में कोई फ़ैसला लेना ही चाहती है तो उसे एक और अध्यादेश लाना चाहिए, जिसमें किसानों को MSP देने का वादा शामिल हो। इसके तहत अगर मंडी से बाहर कोई पूंजीपति किसान की फसल MSP से कम रेट पर ख़रीदता है तो उसको दंडित करने का प्रवाधान किया जाए। सरकार को अपना वादा निभाते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सी2 फार्मूले के तहत MSP तय करना चाहिए। लेकिन, लगता है कि सरकार का पूरा ज़ोर किसानों को मार मारने पर है। उसने आज तक फसल बीमा योजना के प्रति किसानों की शिकायतें दूर नहीं की। आज भी किसानों से बिना पूछे उनके खाते से बीमा की किश्त काटी जा रही है। कोरोना और मंदी के दौर में सरकार ने बीमा की किश्त में करीब 3 गुणा बढ़ोत्तरी कर दी। पहले किसान को कपास बीमा के लिए 620 रुपये देने पड़ते थे, उसे बढ़ाकर 1650 रुपये कर दिया है। दिल्ली जैसे प्रदेश ने डीज़ल के रेट में 8 रुपये की कटौती कर दी लेकिन, हरियाणा सरकार ने किसानों को किसी भी तरह की राहत देने से इंकार कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने दोहराया कि हमारी सरकार के दौरान विकास के हर पैमाने पर देश में हरियाणा पहले पायदान पर था। लेकिन आज बेरोज़गारी और अपराध में हरियाणा टॉप पर है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने हमारे कार्यकाल के दौरान खिलाड़ियों के लिए बनाई गई ‘पदक लाओ, पद पाओ नीति’ को ‘भेदभाव नीति’ बना दिया है। तमाम खिलाड़ी सवाल कर रहे हैं कि उन्हें नियुक्तियां क्यों नहीं दी जा रही। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, मंजीत चहल, अमित पंघाल, नीरज चोपड़ा, बॉक्सर मनोज, विनेश फोगाट, एकता भ्यान और अमित सरोहा जैसे खिलाड़ी आज भी पद से वंचित हैं।

खेल नीति के अलावा नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा नीति पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में SC/ST, OBC और ग़रीब तबके के आरक्षण को लेकर स्पष्टता नहीं है। इसलिए इस तबके में काफी संशय हैं, जिन्हें दूर करना चाहिए। हरियाणा की अगर बात की जाए तो शिक्षा के स्तर को लेकर हमारी सरकार के दौरान पूरे देश में हरियाणा चौथे पायदान पर था, लेकिन बीजेपी सरकार में यह खिसककर 10वें पायदान पर पहुंच गया है।

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