डिप्टी सीएम दुष्यंत को 14 को ग्रामींण सौंपेंगे ज्ञापन.
गुरूग्राम की गावों से 22 से 23 किलो मीटर की दूरी

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
  सरकार द्वारा नगर निगम गुरुग्राम का दायरा बढाने के चलते खंड फर्रुखनगर के पांच गांवों को शामिल करने के चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने पंचायत करके सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उनके गांवों को निगम में शामिल ना किया जाये। 14 अगस्त को इन गांव के प्रतिनिधि मंडल सदस्य उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला को मांग पत्र सौंपगे।

अमर शहीद संदीप कुमार मैमोरियल विकास कमेटी ढ़ाणा के चेयरमैन चैधरी समुंद्र सिंह धनखड, कैप्टन प्रेमपाल कासन, रमेश प्रधान कासन, सत्यदेव शर्मा सरपंच कासन, प्रहलाद पूर्व सरपंच बांस कुसला, धर्मपाल सरपंच, गब्बू सरपंच, मूलचंद पूर्व सरपंच, प्रवीण सरपंच ढाणा, पूर्व सरपंच हरिप्रकाश शर्मा, तेजू ठेकेदार, राम पाल ढ़ाणा आदि ने बताया कि गांव कासन, ढाणा, बांस कुसला, बांस हरिया को नगर निगम गुरुग्राम में सरकार द्वारा शामिल किए जाने की योजना को सिरे चढाये जाने की प्रकिया अमल में लाई जा रही है। जिससे चारों गांवों के ग्रामीणों में रोष है। 15 जुलाई को ग्रामिणों ने बैठक करके सर्व सम्मति से गुरुग्राम नगर निगम में शामिल किए जाने का विरोध जताया था। चारों गांवों से 14 अगस्त को एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांग को लेकर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके चारों गांवों को मारूति कम्पनी ने गोद लिया हुआ है। कम्पनी द्वारा की गांवों में विकास कार्य एवं मूलभूत सुविधाएं मुहिया कराई जाती है। गुरुग्राम इन  गांवों से करीब 22 से 23 किलो मीटर की दूरी पर है। इसलिए इन गांवों को नगर निगम में शामिल करने का कोई औचत्य ही नहीं बनता है। ग्रामीण पंचायत से ही संतुष्ट है।  

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