-हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद नगर परिषद अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई, – स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन पदाधिकारियों ने सौंपी डीसी को शिकायत भिवानी, 10 अगस्त। शहर के दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम निर्माण की जांच में एसडीएम ने जांच पूरी कर ली है और जांच में भवन निर्माण नियमों को पूरी तरह से ताक पर रखे जाने की पुष्टि हो चुकी है। रिपोर्ट डीसी को सौंपी गई। डीसी ने संबंधित नगर परिषद अधिकारियों को हरियाणा नगर पालिका अधिनियम 1973 की धारा 208 व 208ए के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं, मगर इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के पदाधिकारियों ने सोमवार को लघु सचिवालय परिसर में पहुंच डीसी को शिकायत सौंपकरअंचल दंपति द्वारा अवैध भवन निर्माण मामले में म्यूनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने इस संबंध में डीसी को नगर परिषद अधिकारियों पर मिलीभगत के भी आरोप लगाए हैं और जानबूझ कर इस मामले को लटकाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि तीन जून को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को 28 दिन के तहत अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के अवैध भवन पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद डीसी ने एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। एसडीएम भिवानी ने अपनी जांच में संबंधित विभागों के अधिकारियों इस मामले में संज्ञान लेने के उपरांत भवन निर्माण में अनियमितताएं दर्शाते हुए रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है। इस पर डीसी ने भी नगर परिषद अधिकारियों को 28 जुलाई को पत्र जारी कर इस संबंध में कार्रवाई के आदेश दिए जा चुके हैं। लेकिन भिवानी नगर परिषद भ्रष्टाचार और मिलीभगत कर इस मामले को दबाने में जुटी है, जबकि हाईकोर्ट और डीसी के आदेशों के बावजूद भी नगर परिषद के अधिकारी खुद को बड़ा मान रहे हैं। बृजपाल सिंह ने बताया कि निर्माणाधीन अस्पताल में ही नियमों को ताक पर रखकर कोविड सेंटर भी बनाया गया है। जबकि हाल ही में गुजरात और आंध्रा प्रदेश के विजयावाड़ा ममें कोविड सेंटर में आग लगने से जानमाल की हानि हुई हैं। इन घटनाओं की मुख्य वजह भवन निर्माण में मानक पूरे नहीं थे, जबकि अंचल दंपति के अवैध भवन में फायर एनओसी के लिए भी मापदंड पूरे नहीं हैं, ऐसी कोई घटना होती है तो प्रशासन व संबंधित अधिकारी इसके जिम्मेवार होंगे। संगठन ने इस संबंध में जल्द से जल्द अवैध भवन निर्माण में शामलात भूमि व नक्शा के बिना अवैध रूप से बनाए भवन पर हरियाणा नगर पालिका अधिनियम 1973 की धारा 28 व 28ए के तहत कार्रवाई की मांग की है। डीसी से मिलने वालों में बृजपाल सिंह परमार, एडवोकेट प्रेम सिंह राघव, इन्द्रपाल सिंह कालू नंबरदार, किशनलाल, विजय कुमार, सुरेंद्र, अनिल ढाका, राकेश लुहानी, हरिसिंह लुहानी, अजीत मास्टर सहित अनेक पदाधिकारी शामिल थे। Post navigation मार्च से जून माह तक स्वास्थ्य विभाग के समक्ष आया 56 लाख का बजट, क्वारंटीन पर कोई खर्च नहीं रेलवे के निजीकरण के खिलाफ रेल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन