चंडीगढ़। हरियाणा इंटक के प्रवक्ता व हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन संबंधित इंटक के प्रदेश अध्यक्ष नसीब जाखड़ व प्रदेश महासचिव दिनेश हुड्डा ने कहा कि आज देश की 85 फीसदी जनता यानी मेहनतकश अवाम भारी संकट में है। कोरोना से बचाने के नाम पर बिना किसी तैयारी के किए गए लोग डाउन में करोड़ों लोगों का रोजगार तबाह कर दिया काम धंधे ठप होने बेरोजगारी व दिहाड़ी-मजदूरी न मिलने के चलते हमारी आबादी के बड़े हिस्से के लिए खादय सुरक्षा का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे ही सरकार कोरोना की आड़ में सरकारी क्षेत्र में छटनी कर रही है। विभागों का निजीकरण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। कर्मचारियों के डीए भत्ते रोक दिए गए हैं। सरकार बिल्कुल तानाशाही और हिटलर शाही पर आ गई है इसलिए देश के मजदूर किसान कर्मचारी संगठनों ने 9 अगस्त भारत छोड़ो दिवस पर भारत बचाओ नारे के तहत देशव्यापी जेल भरो आंदोलन का फैसला लिया है।

यूनियन की प्रमुख मांगे—

सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत करो और स्वास्थ्य विभाग के तमाम स्थाई कर्मियों को स्थाई किया जाए। सभी जरूरतमंद परिवारों को 6 महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज मिले व 7500 रुपये महीना नगद दिए जाएं।श्रम कानूनों में हो रहे  संशोधन रद्द हो वेतन कटौती बंध हो निकाले गए श्रमिकों की बहाली हो। सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों का निजीकरण बंद हो व इस बारे लिए गए तमाम फैसले रद्द हो !जन विरोधी निजीकरण संबंधी बिजली बिल 2020 वापस हो, ठेका प्रथा बंद कर सरकार कर्मियों को अपने अधीन ले। रोडवेज के बेड़े में 10,000 बसें शामिल हो और रोडवेज में निजीकरण का फैसला सरकार वापस ले। खेती बारे तीन अध्यादेश निरस्त हों व फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए व मजदूर-गरीबों-किसानों के कर्जे माफ हो व सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करें। नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।

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