गुरुग्राम। भाजपा के वरिष्ठ नेता जीएल शर्मा ने राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास को भारतीय इतिहास में पांच शताब्दियों की सबसे बड़ी गौरवशाली घटना करार दिया है। उन्होंने कहा कि आखिर वह घड़ी आ ही गई, जिसका देशवासियों लगभग पांच शताब्दियों से इंतजार था। निसंदेह यह अवसर उल्लास, आह्लाद, गौरव एवं आत्मसंतोष का है, सत्यजीत करूणा का है।

उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि प्रभु श्रीराम ने हमें इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी होने का सकल आशीष प्रदान किया है। भाव-विभोर कर देने वाली इस वेला की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियां व्यतीत हो गईं, दर्जनों पीढियां अपने आराध्य का मंदिर बनाने की अधूरी कामना लिए भावपूर्ण सजल नेत्रों के साथ ही इस धराधाम से परमधाम में लीन हो गईं। किंतु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम सतत जारी रहा और और आखिर मंदिर निर्माण के शिलान्यास की शुभ घड़ी आ गई।

जीएल शर्मा ने कहा कि निसंदेह गौरव और उत्साह के इस क्षण को  प्रत्येक देशवासी उत्सव के रूप में मनाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के कारण बंदिशें नहीं होती तो श्रीराम कि नगरी अयोध्या का नज़ारा जुदा होता। पूरा देश इस पावन और गौरवशाली क्षण पर अयोध्या में उपस्थित होता। लेकिन सरकार की ओर से कोरोना के लिए बनाए नियमों के चलते लोग अपने घरों पर ही इस घड़ी को उत्सव के रूप में मनाने को तैयार हैं।

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि सुबह के समय घरों में हवन यज्ञ करें। अपने इष्ट श्रीराम की आराधना करें। पूजा पाठ करें और शाम को दिए जलाकर राम मंदिर निर्माण की खुशियां देश के साथ सांझा करें। उन्होंने कहा कि यह रामराज्य का युग है। अयोध्या आने वाले दिनों में आध्यात्मिक एवं आधुनिक संस्कृति की प्रतिमान बनेगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण और जन्मभूमि की मुक्ति के लिए कड़ा और बड़ा संघर्ष हुआ है। राम मंदिर आंदोलन ने ही देश में राजनीति की दिशा बदली है। आजादी के बाद सबसे बड़े सांस्कृतिक आंदोलन के कारण भारतीयों के मन में संस्कृति और सभ्यता का भाव जागृत किया है, भारतीय राजनीति की धारा परिवर्तित हुई है।

उन्होंने करोड़ों देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। साथ ही राम मंदिर निर्माण और जन्मभूमि की मुक्ति के लिए आंदोलन करने वाले तमाम लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा कि सैकड़ों लोगों ने अपना बलिदान देकर इस घड़ी से रूबरू होने का करोड़ों देशवासियों को अवसर दिया है। देशवासी उनके बलिदान को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने लोगों से पुनः इस घड़ी को उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया।