1 अगस्त 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया लॉकडाउन में करोड़ों रुपए के शराब घोटाले पर पर्दा डालने के लिए जांच के लिए बनी कथित एसईटी ने 1400 पन्नो की 20 किलो वजन की वैसी ही जांच रिपोर्ट दी है जैसी सरकार चाहती थी1

  विद्रोही ने कहा वे पहले दिन से कह रहे हैं कि कथित एसईटी जांच पूरे मामले में पर पर्दा डालने व शराब घोटाले में करोड़ों रुपए की चांदी कूटने वाले सत्तारूढ़ नेताओं, उच्च आबकारी व पुलिस अधिकारियों और शराब माफिया को बेनकाब होने से बचाने का सुनियोजित षड्यंत्र था1 अब एसइईटी ने 80 दिन की कथित जांच के बाद 20 किलो वजन की 1400 पेज की जो जांच रिपोर्ट हरियाणा के गृह मंत्री को सौंपी है उसमें वास्तव में न कोई वजन है, ना कोई गंभीरता, न हीं ईमानदारी और न ही कोई दोषी1 जांच के नाम पर एसईटी ने छोटी-मोटी मछलियों पर शराब घोटाले की गाज गिराकर घोटाले के सरगना बड़े मगरमच्छों को बचाकर सत्य को दबा दिया गया है1                   

  विद्रोही ने कहा कि जिस कथित एसईटी को न छापा मारने का अधिकार था, न ही किसी को सम्मान करने का अधिकार था ऐसी अधिकार विहीन, दंतहीन जांच कमेटी क्या जांच करती और क्या शराब घोटाला के सरगनाओ को बेनकाब करती1 घोटाले पर पर्दा डालने के लिए बनी एसईटी ने जांच के नाम पर वही किया जो भाजपा-संघी सरकार चाहती थी1 लोकडाउन में शराब घोटाला करके सत्तारूढ़ नेताओं, की उच्च आबकारी-पुलिस अधिकारियों व शराब माफिया ने करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे कर लिए और 80 दिन की जांच के नाम पर यही कहावत चरितार्थ हुई, खोदा पहाड़ निकली चुहिया वह भी मरी हुई, बड़ी हुई1               

विद्रोही ने मांग कि यदि मनोहर लाल खट्टर में जरा सी भी ईमानदारी, नैतिकता, भ्रष्टाचार के विरुद्ध लडऩे का जज्बा बचा है तो शराब घोटाले के सरगनाओ को बेनकाब करके उन्हें दंडित करवाने के लिए पूरे घोटाले की जांच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की हिम्मत दिखाएं1 वरना यही माना जाएगा ईमानदारी का ढोल पीटने वाले मनोहर लाल खट्टर स्वयं भ्रष्टाचारियों के संरक्षक व सरगना है1

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