पहल – नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में सुझाए बच्चो की तार्किक क्षमता बढ़ाने के उपाय. स्कूली बच्चों को अनिवार्य रूप से शतरंज खेलने के लिये किया जाएगा प्रेरित 31 जुलाई 2020, 34 साल बाद बदलाव कर भारत सरकार द्वारा लागू की गई देश की नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 के तहत स्कूली शिक्षा में शतरंज को जोरदार तरीके से शामिल किया गया है। इसके तहत बच्चों का टैलैंट निखारने के लिये ये नई पहल की गई है। हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) से मान्यता प्राप्त एवं वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयकर छूट प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ अब स्कूलों से ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने का काम भी होगा। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में इसे लेकर जोरदार पहल की गई है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि इस खेल का उद्भव उदय भारत में ही हुआ है। भारतीय बच्चों को इस खेल से अनिवार्य रुप से जोडऩा चाहिए। नई शिक्षा नीति पर अमल के लिए तैयार किया पूरा रोडमैप – नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 पर अमल के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) व ऑल इंडिया शतरंज फेडरेशन (एआइसीएफ) तथा हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) से मान्यता प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) ने पूरा रोडमैप तैयार किया है। ताकि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने में किसी तरह से देरी नही हो सके। इसे तेजी से लागू कराने के लिये जल्द ही एक नेशनल लेवल कमेटी गठित की जाएगी। बच्चों के विकास पर चिंतन – नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 के तहत स्कूलों के माध्यम से ऑनलाइन व ऑफलाइन पढऩे वाले बच्चों को अनिवार्य रुप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही उन्हें शब्द और तर्क पहेलियों जैसी गतिविधियां से भी जोडऩे के निर्देश दिये गए है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में बच्चों में घटती तार्किक क्षमता को लेकर चिंता जताई गई है। एचसीए महासचिव कुलदीप ने बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है जिस तरह से स्कूलों में बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और शारीरिक कसरत जरूरी है, उसी तरह से दिमाग के विकास के लिए दिमागी कसरत भी जरूरी है। जो शतरंज की गतिविधियों से हासिल हो सकती है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए चिंतन किया गया है। शिक्षा का स्तर उंचा उठाने के लिये शतरंज बेहद आवश्यक – एचसीए महासचिव कुलदीप ने बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। शिक्षा का स्तर उंचा उठाने के लिये शतरंज खेलना बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है कि इस शतरंज खेल का उद्भव उदय भारत में ही हुआ है। शतरंज बच्चों में समस्या-समाधान और तर्क-वितर्क की तार्किक क्षमता को बढ़ाने का एक आनंददायी तरीका है, इसके जरिए बच्चों में तर्क करने की क्षमता विकसित की जा सकती है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है कि यदि स्कूली स्तर पर बच्चों में तर्क करने की यह क्षमता विकसित कर दी जाए, तो उसे पूरे जीवन उसका फायदा मिलेगा। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए शतरंज पर चिंतन किया गया है। नई शिक्षा नीति में बच्चों को गणितीय अंक ज्ञान से जोडऩे की सिफारिश भी की गई है। नई नेशनल शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है कि मौजूदा समय में बच्चे केवल एक करोड़ तक गिनना सीखते है, जो कि आज की दुनिया में अपर्याप्त है। आज के आधुनिक समय में बच्चों को दस की घात- एक से महाशंख तक सिखाना चाहिए, ताकि वे बड़ी समस्याओं को समझ सके और अपने जीवन में इस्तेमाल कर सके। Post navigation हरियाणा सरकार हरित ब्रांड के नाम से खोलेगी 2 हजार दुकानें : सीएम मनोहर लाल सीएम घोषणा के बावजूद हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ गठित नहीं हुआ