सुसाइड नोट में चंडीगढ़ और पंजाब के उच्च अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप

चंडीगढ़। ट्राइसिटी (चंडीगढ़ पंचकूला और मोहाली) के प्रसिद्ध उद्योगपति गुरु कृपाल सिंह चावला ने 22 जुलाई 2020 को रेड बिशप होटल, सेक्टर 1, पंचकूला हरियाणा के एक कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके कमरे से 9 पेजों का एक सुसाइड नोट और एक पेन ड्राइव पुलिस को बरामद हुई थी।

इस सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के तीन अधिकारी शलभ राज गुप्ता, राजीव बंसल और निखिल सूद के इलावा विजय कुमार कामरा उसके भाई राकेश कुमार और भतीजा ईशान कामरा के खिलाफ केस दर्ज किया है।

इस सुसाइड नोट में गुरकृपाल सिंह ने चंडीगढ़, पंजाब के अधिकारियों और एचपीसीएल व आईओसीएल के अधिकारियों की पेट्रोल माफिया के साथ संबंध और उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके द्वारा की गयी आत्महत्या और लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए समाज सेवी संस्था समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान समेत सीबीआई के अधिकारियो को पत्र लिख कर सीबीआई जाँच की मांग की है।

समस्या समाधान टीम के रमेश ठाकुर का कहना है की सुसाइड नोट में गुरु कृपाल सिंह चावला ने कहा है कि चंडीगढ़ के डीलर आईओसी के अधिकारियों को हर महीने 35 लाख रुपया इकट्ठा करके देते हैं। इन्हीं के कारण उन्हें 80 लाख रुपए मासिक का नुकसान हुआ था और पिछले वर्ष उन्होंने इन सब से तंग होकर राष्टÑपति, प्रधानमंत्री, चंडीगढ़ के प्रशासक आदि से इनकी शिकायत कि थी और आत्महत्या की अनुमति भी मांगी थी। मगर उनकी शिकायत पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।

मनोज शुक्ला और शिशुपाल का कहना था की इससे पहले भी गुरु कृपाल सिंह चावला ने चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ पेट्रोल पंप मालिकों के बीच मूल्य निर्धारण को लेकर हुए सेल में मेलजोल के दुष्प्रभाव का वीडियो और तस्वीरों के जरिए समझाया था कि इस वजह से चंडीगढ़ में 5 और डीजल 3 रुपए प्रति लीटर सस्ता बिक रहा है। मगर उनके द्वारा लगाये गए आरोपों और शिकायतों पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई, क्योकि इसमें पंजाब, चंडीगढ़ के उच्च अधिकारी और तेल कम्पनियों के उच्च अधिकारी के शामिल होने की शत प्रतिशत संभवना है और इसिलए गुर कृपाल सिंह मोहाली, पंजाब में रहता था और आमतौर पर वह होटलों में आवागमन नहीं करते थे, पर उन्होंने पंजाब और चंडीगढ़ के होटलों को छोड़कर पंचकूला के होटल में आत्महत्या करने की इसलिए सोची क्योंकि उन्हें शक था कि अगर वह चंडीगढ़ या पंजाब के किसी होटल में आत्महत्या करेगा तो उसके सुसाइड नोट और पेन ड्राइव को गायब कर दिया जाएगा।

मरता हुआ आदमी कभी झूठ नही बोलता और इस केस में पंजाब, चंडीगढ़ के उच्च अधिकारी और तेल कम्पनियों के उच्च अधिकारी के शामिल होने की शत प्रतिशत संभवना है और ये लोग अपने पद के प्रभाव से पुलिस जाँच को बदलवा भी सकते है इसलिए समस्या समाधान टीम ने इस केस की सीबीआई जाँच की मांग की है जो की भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए बहुत जरूरी है।

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