अशोक कुमार कौशिक नारनौल । पूर्व विधायक श्री राधेश्याम शर्मा ने कहा है कि इस समय क्षेत्र में सूखे के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। हम 1995 से यह मांग कर रहे हैं कि हमारे हिस्से का नहरी पानी हमें दिया जाए। जिससे फसल बोने के लिए पलाव हो जाए तथा इसके बाद कम से कम एक पानी फसल में सिंचाई के लिए दिया जाए। यह ठीक है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की सरकार ने पानी बढ़ाया है, हम उन्हें बधाई देते हैं। परंतु सत्य यह है कि लगभग 60 प्रतिशत खेतों में आज भी पानी नहीं पहुंच रहा।श्री शर्मा ने कहा कि हमारी मांग और अनुरोध है कि जिन किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंचता है उनको भी उपज के अंतर का मुआवजा दिया जाए। जिन खेत में पानी नहीं पहुंचता उसमें फसल हल्की होती है। कई बार सूख जाती है कई बार बिजाई नहीं होती वर्षा न होने के कारण अतः इस प्रकार जहां पानी नहीं पहुंचता उन किसानों को भी मुआवजा देना आवश्यक है। यदि मुझे मौका मिला तो अवश्य ही उन किसानों को भी मुआवजा दिया जाएगा जहां पानी नहीं पहुंचता है । उन्होंने कहा कि हमारी दूसरी योजना यमुना नदी के बांध का पानी कृष्णावती व दोहान नदी में डालना था। जिसे अभी तक आरंभ नहीं किया है। इस समय देश में बाढ़ आ रही है। यमुना में भी बाढ़ आती है अतः इन तीनों नदियों में यह बाढ़ का पानी बाहर आ जाए। हमने अपने समय में हमीदपुर के बांध को नहरी पानी से जोड़ा था। अजय सिंह यादव पूर्व मंत्री ने मसानी के बांध को जोड़ा था। पूर्व विधायक ने कहा कि मसानी के बांध का गेट लगाकर नही पानी से भरना चाहिए। इसी प्रकार हमीदपुर के बांध को पूरा भरा जाए। मेवाती की कोटला झील, झज्जर की भिंडावास झील समेत नांगल कालिया, मुसनौता, बायल तथा रोपड़ सराय के बांधों को भरा जाए। क्षेत्र के जलस्तर को बढ़ाने के लिए जाखनी, नांगलकाठा, महरमपुर क्षेत्र के लिए गोलवा की पहाड़ियों के पीछे बांध बनाया जाए। भूषण, शोभापुर सीहमा तथा नीरपुर क्षेत्र के लिए भी झीलें बना कर उन्हें नहरी पानी से भरा जाए। किसानों को उनकी जमीन का प्रति एकड़ प्रतिवर्ष 35000 रुपया का मुआवजा दिया जाए। उनकी मांग है कि जनहित में राशि इस महत्वपूर्ण काम को सरकार जल्द से जल्द ही पूरा करें। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात यह है कि 2009 के बाद क्षेत्र के किसी भी प्रतिनिधि ने इन नदियों और बांधों पानी डालकर सूखे की समस्या के स्थाई समाधान के लिए काम नहीं किया। हम अपने प्रतिनिधियों से अपील करते हैं कि इस समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। Post navigation आरटीआई से नारनौल में रजिस्ट्रियों में बड़ा खुलासा पेड़ों और पौधों के अस्तित्व के बिना मनुष्य और जानवरों की भी अस्तित्व संभव नहीं:ओमप्रकाश यादव