घटना करीब 15 दिन पुरानी तीन दिन पहले ही भंडा फूटा.
शेरपुर-हुसैनका के बीच सड़क निर्माण को डाली गई मिट्टी.
ठेकेदार गांव नूरगढ़ से खुदाई करके ला रहा था यह मिट्टी

फतह सिंह उजाला

पटौदी । मुगलकालीन कीमती सिक्कों का खजाना लुट भी गया और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई । इस मामले का बंटवारे को लेकर हुए विवाद में भंडा फूटा और पूरे मामले की जानकारी जागरूक ग्रामीणों के द्वारा जिला उपायुक्त को दी गई । इसके बाद जिला उपायुक्त ने पटौदी के एसडीएम को पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी । फिलहाल यह रहस्य ही बना है कि मुगलकालीन कुल टोटल कितने सिक्के थे, कितने मिले और कितने गायब हो गए ? एसडीएम पटौदी के मुताबिक चंडीगढ़ पुरातत्व विभाग को सिक्कों की जांच के बारे में लिखा जा चुका है और मामले की जांच जारी है ।

जानकारी के मुताबिक पटौदी क्षेत्र के गांव शेरपुर से हुसैनका के बीच में मार्केटिंग बोर्ड के अधीन सड़क निर्माण का कार्य इन दिनों किया जा रहा है । सड़क निर्माण के लिए डाली जाने वाली मिट्टी को संबंधित ठेकेदार पास के ही गांव नूरगढ़ से खुदाई करके ला रहा था और इस मिट्टी को सड़क निर्माण कार्य के लिए डाला जा रहा था । इसी मिट्टी में हीं कोई सैकड़ों वर्ष पुराना बर्तन था, जो कि कुछ ग्रामीणों को दिखाई दिया। जिज्ञासा वस ग्रामीणों ने उस बर्तन को उठाकर जैसे ही तोड़ा तो उनकी आंखें चुंधियां गई। बिना शोर-शराबा किए जिसके जो हाथ लगा, अपने अपने कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि उस सैकड़ों वर्ष पुराने बर्तन में मुगलकालीन कीमती सिक्के थे । हैरानी की बात यह है कि मामला करीब 15 दिन पुराना है और इस बात की भनक गांव से बाहर नहीं आ सकी । इसी मामले में जब शेरपुर के जागरूक ग्रामीण धर्मवीर जांगड़ा प्रताप सिंह व अन्य को गांव में इस प्रकार से मुगलकालीन सैकड़ों की संख्या में सिक्के मिलने की जानकारी मिली तो उन्होंने बीते सोमवार को जिला उपायुक्त अमित खत्री को व्हाट्सएप के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी । इसके बाद जिला उपायुक्त ने मामले की गंभीरता और मुगलकालीन सिक्कों की बात को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी पटौदी के एसडीएम राजेश प्रजापत के सौंपी ।

22 सिक्के ग्रामीणों ने जमा करवाए

पटौदी के एसडीएम राजेश प्रजापत ने बताया कि उनके पास फिलहाल कुल 22 सिक्के ग्रामीणों के द्वारा जमा करवाए गए हैं । इन्हें सील-पैक करके रख दिया गया है और चंडीगढ़  पुरातत्व विभाग को इस मामले की जानकारी दे दी गई है । फिलहाल अभी भी इस मामले की जांच विभिन्न स्तर पर की जा रही है । चर्चा है कि सैकड़ों की संख्यां में मिले सिक्के गांव के जागरूक नागरिक धर्मवीर जांगड़ा, प्रताप सिंह, दयाचंद, लेखराम, धर्मवीर, शिवचरण व अन्य के द्वारा जिला उपायुक्त अमित खत्री को 20 जुलाई को व्हाट्सएप भेजकर जानकारी दी गई । गांव के ही 4- 5 लोगों को नामतः सिंधराम, गोपाल सिंह,  ओमकार, राजेश उर्फ बबली तथा सत्यवान को सड़क निर्माण के लिये डाली गई मिट्टी से पुराने बर्तन में चर्चा के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में सैकड़ों वर्ष पुराने कीमती धातु के सिक्के मिले हैं ।

नूरगढ़ के गढ़ की हो जांच

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार नूरगढ़ से मिट्टी लाकर यहां निर्माण कार्य के लिए डाल रहा था और उसी मिट्टी में ही यह पुराना कोई बर्तन था । ग्रामीणों के मुताबिक बुजुर्गों का कहना है कि नूरगढ़ गांव में गढ़ नामक एक पुरानी जगह है , जहां किसी समय नवाब का रिसाला अर्थात फौज का पड़ाव डाला जाता था। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि नूरगढ़ में जिस स्थान से मिट्टी की खुदाई की गई उस स्थान की पुरातत्व विभाग के द्वारा बारीकी से जांच करके खुदाई की जानी चाहिए और इस बात से इंकार नहीं कि उस क्षेत्र में और भी कीमती ऐतिहासिक पुरातत्व पुरातन काल की चीजें मिल सकती हैं।

सत्यवान को ही पता है सच्चाई

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा रहस्य और सवाल यही बना है कि कुल कितने पुराने ऐतिहासिक मुगलकालीन सिक्के मिले हैं ? जिन 5 लोगों को यह कीमती धातु का बर्तन, भगोना-देगचा हाथ लगा बताया जाता है उसे पहले उसे गांव के सत्यवान ने देखा । सत्यवान ने हीं उस पुराने बर्तन को तोड़ा। ग्रामीणों की चर्चा के मुताबिक सत्यवान ने अपने साथियों को भनक लगने से पहले ही बड़ी संख्या में कीमती सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर छिपा लिया । वही मौके पर जांच के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार को गोपाल ने बताया कि उसको 20 सिक्के मिले, सिंध राम ने बयान दिया कि 12 सिक्के मिले, सत्यवान का कहना है कि उसको कुल 2 सिक्के मिले । कथित रूप से 6 सिक्के ओमकार के द्वारा एक दिन पहले ही एसडीएम ऑफिस में जमा कराने की बात सामने आई है । इस पूरे घटनाक्रम में कथित रूप से राजेश उर्फ बबली खाली हाथ रह गया। वही इन्हीं लोगों के बीच में से ऐसी भी चर्चाएं सामने आ रही हैं कि इनके द्वारा सैकड़ों वर्ष पुराने मिले कीमती धातु के मुगलकालीन सिखों को बेच दिया गया है।  इस बात में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है । फिलहाल ग्रामीणों की माने तो साढ़े 6 सौ से अधिक मुगल कालीन सिक्के मिलने की चर्चा हो रही है और इसमें से महज 20-22 सिक्के ही प्रशासन के सामने पहुंचना बहुत बड़ा सवाल और इससे भी बड़ी चुनौती यह है कि सच्चाई का कैसे भेद लगाया जाए कि वास्तव में कुल कितने सिक्के इन लोगों को मिले हैं।

अनिल विज को भी दी गई सूचना

ग्रामीणों के मुताबिक जिला उपायुक्त को पहले फोन किया गया ,उसके बाद उन्होंने संबंधित मामले की पूरी जानकारी व्हाट्सएप पर मांगी । ग्रामीण धरमवीर जांगड़ा, प्रताप सिंह, दयाचंद , लेख राम ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी आधिकारिक रूप से जिला उपायुक्त अमित खत्री को व्हाट्सएप किया जाने के साथ ही हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज को भी मेल के द्वारा भेजी। इसके बाद में पूरे घटनाक्रम सहित मामले की प्रशासनिक स्तर पर तेजी से जांच की जा रही है । ग्रामीणों ने गृहमंत्री अनिल भी से भी अनुरोध किया है कि गांव नूरगढ़ में गढ़ नामक स्थान जो कि अब स्वर्ग आश्रम बन चुका है । उस क्षेत्र की पुरातत्व विभाग के द्वारा सर्वेक्षण सहित जांच कराई जाए । इस बात से इंकार नहीं की वहां कीमती धातु मुगलकालीन कीमती सिक्के व अन्य सामान भी मिल सकता है।

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