17 जुलाई 2020. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सरकार से आग्रह किया कि वे प्रदेश में स्कूल खोलने में जल्दबाजी न दिखाये व स्कूल कब खुले, कैसे खुले इस पर सभी स्टेक होल्डरों से गंभीरता से विचार करके सर्वसम्मत राय से इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। विद्रोही ने कहा कि जहां देशभर में कोरोना पॉजिटिव केस दस लाख से पार हो चुके है, वहीं हरियाणा में भी 24 हजार से ज्यादा कोरोना पोजेटिव केसों के साथ 325 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जुलाई से देशभर में हर तीन-चार दिन में ही एक लाख कोरोना पोजेटिव केस बढ़ रहे है। हरियाणा में भी कोरोना तेजी से अपने पैर पसार रहा है। ऐसी स्थिति में बिना सोचे-समझे बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल जल्दबाजी में खोलना उचित नही है। विद्रोही ने कहा कि मेरी निजी राय है कि जिस तरह कोरोना सक्रंमण बढ़ रहा है, उसके चलते मोनसून बीत जाने के बाद ही स्कूलों में प्रत्यक्ष शिक्षा होनी चाहिए। मोनसून बीतने तक ऑनलाईन पढ़ाई ही इस समय सही विकल्प है। कोरोना संक्रमण के फैलाव से छोटे बच्चों को स्कूल भेजने में अभिभावकों में भारी घबराहट है। 14 वर्ष तक के बच्चों से यह आशा करना बेमानी है कि वे स्कूल जाते समय व स्कूल में खुद कोरोना संक्रमण के बचाव में कदम उठा पायेंंगे। स्कूल में यह भी संभव नही होगा कि 14 साल से कम आयु के बच्चों को शिक्षकगण कोरोना बचाव के साथ पढ़ा सकेंगे। विद्रोही ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई महत्वपूर्ण है। पर शिक्षा जीवन से ज्यादा अनमोल नही है। यदि बच्चे कोरोना संक्रमण से बचे रहेंगे तो फिर पढ़ लेंगे, लेकिन बच्चों का एक साल बर्बाद होने के नाम पर जल्दबाजी में स्कूल खोले गए तो इसके दुष्परिणाम सभी को भुगतने होंगे। Post navigation सीमा के प्रहरियों ने मांगी ट्रैफिक की बागडोर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का निकल चुका है दिवाला