चंडीगढ़, 16 जुलाई – हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क हादसों पर ब्रेक लगाने के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों से सड़को पर सफर सुरक्षित होता जा रहा है। इस साल 2020 के प्रथम छः माह के दौरान विगत वर्ष इसी अवधि की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में 26.71 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। जहां 2019 में प्रतिदिन लगभग 30 सडक हादसे रिपोर्ट हुए, वहीं 2020 में यह संख्या घटकर 22 रह गई। इसी प्रकार, जनवरी और जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में मृत्युदर में 26.77 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि सडक हादसों में घायल व्यक्यिों की संख्या पिछले वर्ष से 26.88 फीसदी कम रही। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हादसों में कमी के लिए सड़क सुरक्षा का पालन कराने की हर संभव कोशिश की जा रही है। पुलिस द्वारा लागू किए जा रहे बेहतर टैªफिक सेफटी रूल्स, फील्ड इकाइयों द्वारा यातायात नियमों का बेहतर प्रवर्तन तथा सड़क एवं यातायात सुरक्षा के बारे में निरंतर जागरूकता से ही सड़क हादसों और इससे होने वाली मृत्यु दर में कमी संभव हो सकी है। हालाँकि, 24 मार्च से 31 मई तक कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन नेे भी राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में योगदान दिया। आधिकारिक आंकड़ों को साझा करते हुए, श्री विर्क ने बताया कि इस साल जनवरी और जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 1467 की गिरावट के साथ 4024 देखी गई, जबकि 2019 में यह आंकडा 5491 था। सडक हादसों में होने वाली मृत्युदर भी अपेक्षाकृत कम रही। जनवरी से जून 2019 के दौरान सड़क हादसे में 2532 लोगों की जान गई थी, वहीं इस साल यह आंकडा 678 की गिरावट के साथ 1854 दर्ज किया गया। इसी प्रकार, सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या में भी 1247 मामलों की प्रभावशाली गिरावट देखी गई। पिछले साल जून तक घायल हुए 4638 व्यक्यिों की तुलना में 2020 के प्रथम 6 माह में 3391 लोग सडक हादसों में घायल हुए। श्री विर्क ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि सड़क दुर्घटनाओं को और भी निम्न स्तर पर लाया जा सकता है। राज्य पुलिस विभिन्न हितधारक विभागों के सहयोग से इस दिशा में काम कर रही है जिसमें ब्लैक स्पाॅट की पहचान कर इन्हें प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करवाना, सड़कों की स्थिति सुधारना व साइनेज आदि लगवाने जैसे सुधारात्मक उपाय शामिल हैं। सड़क सुरक्षा पर जागरूकता के अतिरिक्त, हमारी फील्ड इकाइयां नशे में ड्राइविंग और तेज गति जैसे दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों पर भी पैनी नजर रख रही हैं। Post navigation भू-रिकॉर्ड का कार्य डिजिटलाइजेशन करने में देश का पहला राज्य बनेगा हरियाणा – डिप्टी सीएम मांगें पुरी होने तक रोड़वेज कर्मचारियों का आन्दोलन जारी रहेगा