दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वालों का नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन के लिए धक्के खा रहे स्टूडेंट्स
गृह मंत्री से शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कोई हल
रजिस्ट्रार नहीं होना बताया रजिस्ट्रेशन ना होने का कारण

रमेश गोयत
चंडीगढ़। दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का हरियाणा में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। कोराना काल में पहले से ही रोजगार की दिक्कत झेल रहे लोगों में अब बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है.। ये हालात तब है, जब ये लोग सूबे के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज से इसकी शिकायत कर चुके है.।

चंडीगढ़ के प्रेस क्लब में दूसरे राज्यों से डी फार्मा करने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों ने एक पत्रकार वार्ता कर हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन दिनेश अधलखा पर कईं आरोप लगाए। यमुनानगर से आए संजय वर्मा ने बताया कि उनके बेटे ने हिमाचल से डी फार्मा की थी, जिसके बाद उन्होंने उसके रजिस्ट्रेशन के लिए हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पास 18 नवंबर 2019 को आॅनलाइन आवेदन किया था और अगले दिन 19 नवंबर 2019 को खुद काउंसिल के कार्यालय में जाकर भी आवेदन किया था। वर्मा ने बताया कि जब दो महीने तक उनके बेटे का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो उन्होंने इस बारे में काउंसिल के चेयरमैन दिनेश अधलखा से 10 फरवरी 2020 को उनके कार्यालय में जाकर मुलाकात की थी।

हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन की ओर से की गई अभद्रता को लेकर संजय वर्मा ने गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इसकी शिकायत की थी, जिस पर विज ने मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को सौंप दी थी, लेकिन अब तक इस पर कुछ भी नहीं हुआ।

बेटे का रजिस्ट्रेशन ना होने को लेकर जब संजय वर्मा ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी तो उसने चौंकाने वाला जवाब दिया गया। .मांगी गई आरटीआई के जवाब में कहा गया कि काउंसिल में आठ नवंबर 2019 से रजिस्ट्रार नहीं है.। इसलिए बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा। .ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा तो फिर हरियाणा के स्टूडेंट्स का कैसे रजिस्ट्रेशन हो रहा है। आखिरकार यहां रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले बच्चे भी तो हरियाणा के ही स्थाई निवासी है।

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